अमूल ने बीते दिनों ही दूध के दामों में बढ़ोतरी की है. अमूल ने बीते 11 महीनों में चौथी बार दूध के दाम बढ़ाएं हैं. दूध के दामों में बढ़ोतरी करने वाली अमूल अकेली कंपनी नहीं है. इससे पहले मदर डेयरी समेत विभिन्न राज्यों की दूध विपणन कंपनियां दूध के दामों में बढ़ोतरी कर चुकी हैं. दूध बचेने वाले ये कंपनियों दामों में बढ़ोतरी के पीछे चारे की बढ़ती महंगाई बता रही हैं.लेकिन, दूध के दामों में यह बढ़ोतरी उत्पादन में बढ़ाेतरी के साथ हुई है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बीते दिन संसद में एक लिखित प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि एक तरफ 7 साल के अंदर देश में दूध के उत्पादन में 51 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. तो वहीं तीन सालों में देश के अंदर दूध के दाम 14 फीसदी से अधिक बढ़े हैं.
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बीते दिन संसद में एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि टोंड दूध की औसत कीमत 2020-21 में 42.29 प्रति लीटर से बढ़कर 2022-23 में 48.49 रुपये प्रति लीटर हो गई, जिसमें 14.12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. डबल टोंड दूध की औसत कीमत 2020-21 में 38.62 लीटर से बढ़कर 43.91 लीटर हो गई, जिसमें 13.70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. फुल क्रीम दूध की औसत कीमत 2020-21 में 52.83 लीटर से बढ़कर 58.16 लीटर हो गई, जिसमें 10.09 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
भारत में डेयरी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है. किसानों ने खेती के साथ ही डेयरी का व्यवसाय को तेजी से अपनाया है. जिसका परिणाम अब वैश्विक स्तर पर दिख रहा है. नतीजतन, भारत दूध उत्पादन के मामले में वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर काबिज है, जिसके पीछे का कारण दूध उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी है. पिछले 7 वर्षों में अगर देखा जाए तो देश के अंदर दुग्ध उत्पादन में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने ये जानकारी दी है. उन्होंने संसद में जवाब देते हुए कहा कि दूध उत्पादन 2014-15 में 146.31 मिलियन टन (mt) दूध का उत्पादन देश में होता था, जो 2021-22 में बढ़कर 221.06 मिलियन टन हो गया है.
पिछले 7 सालों में देश के अंदर दूध उत्पादन में 51.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसी दौरान दुनिया में कुल दूध उत्पादन में 14.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई. विश्व दुग्ध उत्पादन 2014-15 में 800.33 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 918.16 मिलियन टन हो गया है. परुषोत्तम रूपाला ने खाद्य एवं कृषि संगठन कॉरपोरेट स्टैटिस्टिकल डेटाबेस (फाओस्टैट) के उत्पादन आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सबसे ज्यादा दूध उत्पादक देश है. 2021-22 में कुल वैश्विक दुग्ध उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 24.08 प्रतिशत थी. 2014-15 में वैश्विक दुग्ध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 18.28 प्रतिशत थी.
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दूध उत्पादन के मामले में भारत पूरे विश्व पर राज कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर भारत में उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में सबसे आगे है. वहीं इस सूची में राजस्थान का भी नाम शामिल है. साल 2000 से 2020 तक उत्तर प्रदेश देश में कुल दुग्ध उत्पादन में पहले स्थान पर रहा है, तो वहीं राजस्थान दूसरे नंबर पर है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में 31834 टन वार्षिक दूध उत्पादन के साथ उत्तर प्रदेश देश में अव्वल रहा है. जबकि राजस्थान 25573 टन उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है. वहीं मध्य प्रदेश 17109 टन उत्पादन के साथ तीसरे, गुजरात 15292 टन के साथ चौथे, आंध्र प्रदेश 15263 टन के साथ पांचवें स्थान पर रहा. जबकि पंजाब 13348 टन उत्पादन के साथ छठे स्थान पर रहा.
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