Milk Production in MP: दूध उत्पादन में तीसरे से पहले स्थान के लिए मध्य प्रदेश में इन योजनाओं पर हो रहा काम 

Milk Production in MP: दूध उत्पादन में तीसरे से पहले स्थान के लिए मध्य प्रदेश में इन योजनाओं पर हो रहा काम 

Milk Production in MP इंडियन डेयरी एसोसिएिशन (आईडीए) के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि दूध को बड़े लेवल पर पूर्ण भोजन के रूप में मान्यता हासिल है. डेयरी कारोबार होने के साथ ही भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है. डेयरी प्रोडक्ट मानव पोषण का एक मूलभूत हिस्सा रहे हैं, जो स्वास्थ्य लाभ देने के साथ बीमारी की रोकथाम में भी मदद करते हैं. 

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Milk Production in MP: दूध उत्पादन में तीसरे से पहले स्थान के लिए मध्य प्रदेश में इन योजनाओं पर हो रहा काम 

Milk Production in MP करीब 27 साल से भारत दूध उत्पादन नंबर वन है. विश्व के कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 24 फीसद है. इसी के चलते भारत को भविष्य में "दुनिया की डेयरी" के रूप में भी देखा जाने लगा है. देश में हर साल दूध उत्पादन में चार से पांच फीसद तक की बढ़ोतरी हो रही है. देश के टॉप फाइव स्टेट ऐसे हैं जहां कुल दूध उत्पादन का 54 फीसद उत्पादन होता है. ये तब है जब देश में संगठित क्षेत्र द्वारा सिर्फ 25-30 फीसद दूध की प्रोसेसिंग की जा रही है. टॉप फाइव स्टेट में मध्य प्रदेश भी शामिल है. मध्य प्रदेश दूध उतपादन में तीसरे स्थान पर है. लेकिन राज्य सरकार की कोशि‍श है कि मध्य प्रदेश देश में दूध उत्पादन के मामले में पहले नंबर पर हो. 

इसके पीछे एक सोच ये भी है कि डेयरी सेक्टर में रोजगार और तरक्की के ढेरों मौके हैं. इसी को देखते हुए राज्य सरकार लगातार अपने राज्य में पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई बड़ी योजनाएं लागू की गई हैं और दूसरी लागू की जा रही हैं. डेयरी में निवेश के लिए भी लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है. इसी के चलते राज्य में डेयरी से जुड़ा एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. 

नंबर वन बनने को हो रहे ये काम  

प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि मध्य प्रदेश में डेयरी क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर है. राज्य सरकार देश के कई हिस्सों में डेयरी में मिली सफलताओं को अपने यहां दोहराने के लिए डेयरी में विकास को गति देने के लिए तैयार है. राज्य डेयरी फेडरेशन (सांची) को संभालने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच नवीनतम समझौता इस लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है. विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी प्रौद्योगिकी डिग्री कार्यक्रम शुरू करने की दूसरी पहल डेयरी उद्योग के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति विकसित करने में मदद करेगी. भारतीय डेयरी संघ (पश्चिम क्षेत्र) एक शीर्ष निकाय है जो डेयरी क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए इस कार्यक्रम में डेयरी पेशेवरों, शिक्षाविदों, उद्योग, किसानों और नीति-निर्माताओं को एक साथ लाने की कोशि‍श की गई है.

कार्यक्रम का मकसद ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, डेयरी क्षेत्र में नवाचारों को उजागर करना और राज्य में वास्तविक डेयरी उत्पादों के लिए उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना है. प्रतिष्ठित विशेषज्ञ और पैनलिस्ट दूध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, चारा और चारा संसाधनों का अनुकूलन करने, स्मार्ट डेयरी फार्मिंग प्रथाओं को लागू करने और अत्याधुनिक उत्पादन तकनीकों को अपनाने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का पता लगाया गया. चर्चा में एआई, डिजिटलीकरण, विपणन रणनीतियों, सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों और उद्योग के कार्बन पदचिह्न को कम करने पर भी बातचीत हुई. 

डेयरी में मध्य प्रदेश एक नजर में 

मध्य प्रदेश दूध उत्पादन के मामले में भारत में तीसरे स्थान पर है. देश के कुल दूध उत्पादन में 9.12 फीसद की हिस्सेदारी है. 2019 पशुधन गणना के अनुसार मध्य प्रदेश में पशुधन की पर्याप्त आबादी है. मवेशियों की बात करें तो देश में (187.5 लाख) में तीसरे स्थान पर और भैंसों (103.5 लाख) में चौथे स्थान पर है.

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