महाराष्ट्र के नांदेड़ में मवेशियों में लंपी वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. इस बीमारी की चपेट में यहां के कई मवेशी आ गए हैं. खतरे को देखते हुए नांदेड़ प्रशासन ने पूरे जिले को लंपी स्किन डिजीज से प्रभावित जिला घोषित कर दिया है. ताजा आंकड़े के मुताबिक, नांदेड़ जिले में अभी तक 3618 से अधिक मवेशी इस वायरल बीमारी की चपेट में आ गए हैं.
खतरे की बात ये है कि नांदेड़ में अभी तक 466 मवेशियों की मौत हो चुकी है. आंकड़ा बताता है कि अभी तक लंपी वायरस बीमारी से 2638 मवेशी ठीक हुए हैं जबकि 513 का इलाज चल रहा है. प्रशासन ने बताया है कि इस बीमारी के प्रभाव में 197 गांव हैं.
नांदेड़ में कुल 197 गांव प्रभावित हुए हैं. इन 197 गांवों के 5 किलोमीटर के दायरे में 643 गांव हैं. इसके प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए कलेक्टर द्वारा जिले को लंपी स्किन डिजीज प्रभावित घोषित किया गया है. अब तक 3.67 लाख पशुओं की का टीकाकरण हो चुका है. अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, इन 197 गांवों में जानवरों को बाहर से नहीं ले जाया जा सकता है. यही नहीं जानवरों के शवों को भी इन प्रभावित जिलों से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है.
राज्य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने और मवेशियों में लंपी वायरस के संक्रमण को रोकने का निर्देश दिया था. बता दें कि यह वायरस राजस्थान और गुजरात में गायों में फैलना शुरू हुआ, उसके बाद यह कई राज्यों में फैल गया है. इस बीच, जलगांव जिले में 300 से अधिक, धुले में 30, नंदुरबार में 21 पशुधन इस बीमारी से पीड़ित हैं.
ये भी पढ़ें- Lumpy Skin virus Disease : महाराष्ट्र में बढ़ा लंपी वायरस का खतरा, 43 मवेशियों की मौत
एक अधिकारी ने कहा कि कलेक्टर ने लोगों से संक्रमित और गैर-संक्रमित मवेशियों को अलग करने, कीटाणुनाशक का छिड़काव सुनिश्चित करने की अपील की है, जबकि अधिकारियों को स्थिति पर सख्ती से निगरानी करने के लिए भी कहा गया है. राज्य की सीमा पर चेक पोस्ट स्थापित किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी संक्रमित मवेशी पड़ोसी राज्य तेलंगाना से नांदेड़ में प्रवेश न करे.
लंपी स्किन डिजीज एक वायरल बीमारी है जिसमें बुखार, मवेशियों की त्वचा पर गांठें दिखाई देती हैं. इससे दूध उत्पादन में अस्थायी कमी, गायों में अस्थायी या स्थायी बांझपन, खाल को नुकसान और कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है.
ये भी पढ़ें- Onion Export: प्याज की खेती का बादशाह है भारत, 75 देशों में लगता है भारतीय 'कांदा' का तड़का
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today