UP: जानिए क्या है लाइव फिश वेंडिंग योजना, मोटी इनकम के साथ 60 प्रतिशत की सब्सिडी, यहां जानें पूरा प्रोसेस

UP: जानिए क्या है लाइव फिश वेंडिंग योजना, मोटी इनकम के साथ 60 प्रतिशत की सब्सिडी, यहां जानें पूरा प्रोसेस

इस योजना की शुरुआत करने में 20 लाख रुपये लागत आती है. लाइव फिश वेडिंग सेंटर की स्थापना हेतु मत्स्यपालकों को सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है.

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UP: जानिए क्या है लाइव फिश वेंडिंग योजना, मोटी इनकम के साथ 60 प्रतिशत की सब्सिडी, यहां जानें पूरा प्रोसेस लाइव फिश वेंडिंग सेंटर से ताजा मछली मिल सकेंगी.

Fish Farming: केंद्र सरकार देश के किसानों को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कई सरकारी योजनाओं की घोषणा करती रहती है. इसी क्रम में किसानों और मछुआरों को ध्यान में रखते हुए लाइव फिश वेंडिंग सेंटर योजना (Live Fish Vending Yojana) की शुरुआत की गई थी, इस योजना के तहत किसान लाइव मछलियां खरीद सकेंगे. वहीं मछली बिक्री की हाइटेक व्यवस्था होगी. दरअसल, मछलियों की खरीददारी करते समय अक्सर लोग फ्रेश और जिंदा मछली की मांग करते दिखाई देते हैं. लाइव फिश वेंडिंग सेंटर से ताजा मछली मिल सकेंगी. वहीं किसानों को अच्छा मुनाफा भी होगा. ऐसे में आइए आज विस्तार से जानते हैं आखिर क्या है लाइव फिश वेंडिंग सेंटर योजना, इस योजना का लाभ किसान कैसे उठा सकते हैं.

लखनऊ स्थित मत्स्य निदेशालय (UP Fisheries Department) में तैनात डिप्टी डायरेक्टर पुनित कुमार ने इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में बताया कि मत्स्यपालकों के रोजगार के लिए कई रणनीति बनाया गया है. उन्होंने बताया कि लाइव फिश वेंडिंग सेंटर योजना के तहत किसान https://fisheriesup.org ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. इस योजना की शुरुआत करने में 20 लाख रुपये लागत आती है. लाइव फिश वेडिंग सेंटर की स्थापना हेतु मत्स्यपालकों को सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है. योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को मछली पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जबकि सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग को 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है.

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मत्स्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पुनित कुमार ने आगे बताया कि मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन हेतु लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के मत्स्य पालन विभाग में संपर्क करना होगा. इसके अलावा, इस योजना का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार लिंक पर भी विजिट कर जरुरी दस्तावेज और जानकारियां भरकर योजना का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने बताया कि बीते वर्ष पूरे प्रदेश से 75 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे. 2024 के लिए इसकी प्रक्रिया दिसंबर और जनवरी 2024 में शुरु की जाती है. 

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पुनित कुमार ने बताया कि यह एक केंद्रीय योजना है जिसका लाभ किसान क्रेडिट कार्ड और नाबार्ड की मदद से दिया जाता है. इस योजना के तहत क्रेडिट कार्ड धारक किसानों और मछुआरों को बिना किसी गारंटी के 2 लाख तक का लोन केवल 7 प्रतिशत की ब्याज दर से दिया जाता है. वहीं मछ्ली पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. इन योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए मत्स्यपालकों को विभिन्न संस्थानों व मछली उत्पादन वाले स्थलों पर भी ले जाकर प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्होंने बताया कि मरी हुई मछली में बर्फ लगाकर बाजार में बेचा जाता है, जिसकी कीमत 120-150 रुपये प्रति किलो होती है, वहीं किसान अगर जिंदा मछली बेचता है तो उसकी बाजार में 200 से 250 रुपये प्रति किलो के दर से बिक्री होती है. ऐसे में मत्स्यपालकों की इनकम डबल हो जाती है. 

 

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