Animal Vaccination: पशुओं को टीका लगवाते वक्त इन 12 बातों का रखा ख्याल तो होंगे ये फायदे 

Animal Vaccination: पशुओं को टीका लगवाते वक्त इन 12 बातों का रखा ख्याल तो होंगे ये फायदे 

Animal Vaccination Schedule आज ज्यादातर देश एएमआर फ्री एनिमल प्रोडक्ट की डिमांड कर रहे हैं. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक इसका एक मात्र इलाज ये है कि पशुओं को एंटी बायोटिक दवाई खाने को न दी जाए. और ये तभी मुमकिन है जब पशु बीमार न हों. इसीलिए सरकार पशुओं के टीकाकरण पर जोर दे रही है. इससे होता ये है कि टीका लगने से पशु बीमारी की चपेट में नहीं आता है.   

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Animal Vaccination: पशुओं को टीका लगवाते वक्त इन 12 बातों का रखा ख्याल तो होंगे ये फायदे गर्मी में कई बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Animal Vaccination Schedule एनिमल प्रोडक्शन के मामले में भारत हर रोज नई छलांग लगा रहा है. दूध के मामले में हम पहले से ही नंबर वन है. वहीं अंडा उत्पादन में हम तीसरे से दूसरे नंबर पर आ गए हैं. मीट में भी आठवें से एकदम पांचवें नंबर की छलांग लगाई है. एनिमल प्रोडक्शन घरेलू बाजार की डिमांड को पूरा करने के साथ ही एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है. हालांकि ये बात अलग है कि एक्सपोर्ट की मात्रा बहुत ही कम है. और इसकी वजह है पशुओं की बीमारी. लेकिन, अगर हम वक्त से पशुओं का टीकाकरण कराएं तो एक्सपोर्ट को भी बढ़ाया जा सकता है. 

साथ ही टीकाकरण कराते वक्त एनिमल एक्सपर्ट की बातों का ख्याल रखा तो इसका बड़ा फायदा मिलेगा. क्योंकि एनिमल प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट में आज सबसे बड़ा इश्यू एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) का है. पशुओं की बीमारी की हालत में दी जाने वाली एंटी बायोटिक्स दवाई के चलते प्रोडक्ट दूषि‍त हो रहे हैं. जिसका असर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वालों पर भी पड़ता है. 

पशुओं का टीकाकरण कराने के ये हैं फायदे 

  1. पशुओं में होने वाली बीमारियों से बचाव.
  2. पशुओं में होने वाली महामारी से बचाव.
  3. पशुओं से मनुष्यों में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव.
  4. बीमारियो के इलाज से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाव.
  5. एनिमल प्रोडक्ट से इंसानों में होने वाली बीमारी से बचाव.
  6. किसानों की पशुपालन में कम लागत से मुनाफा बढ़ता है.

टीकाकरण के वक्त इन बातों का रखें ख्याल 

  • प्रथम टीकाकरण केवल स्वस्थ पशुओं में ही करना चाहिए.
  • टीकाकरण से कम से कम दो सप्ताह पहले कृमिनाशक दवाई देनी चाहिये.
  • टीकाकरण के समय पशुओं का हेल्दी होना जरूरी है. 
  • बीमार और कमजोर पशुओं का टीकाकरण नहीं करना चाहिए. 
  • बीमारी फैलने से करीब 20-30 दिन पहले टीकाकरण करा लेना चाहिए. 
  • रोग फैलने के संभावित समय से करीब 20-30 दिन पहले करना चाहिए.
  • मानकों के अनुसार कोल्ड बॉक्स में रखे टीके ही पशुओं को लगाने चाहिए. 
  • जहां पशु ज्यादा हों वहां झुण्ड में पशुओं का टीकाकरण करना जरूरी होता है.
  • गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण नहीं करना चाहिए.
  • टीकाकरण का रिकार्ड रखने के लिये हमेशा पशु स्वास्थ्य कार्ड बनाएं.
  • टीकाकरण के दौरान हर पशु के लिये अलग-अलग सूईयों का इस्तेमाल करें. 
  • टीके में इस्तेमाल की गई सूई और सिरिज को नियमानुसार डिस्पोज करें.

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