कुल दूध उत्पादन में भारत का विश्व में पहला नंबर है, लेकिन खुशी की बात यह भी है कि बकरी के दूध उत्पादन में भी भारत पहले स्थान पर आता है. देश में बड़ी मात्रा में बकरी के दूध उत्पादन के बारे में सुनकर बीते साल तो कई विदेशी डेयरी एक्सपर्ट भी भारत आए थे. इस दौरान उन्होंने बकरी पालकों से मिलकर बकरी पालन के बारे में जानकारी ली थी. हाल ही में पंजाब की बीटल बकरी के बारे में सुनकर नीदरलैंड से भी एक टीम आई थी. बकरी के दूध का कारोबार लगातार बढ़ रहा है. दूध कारोबार में अच्छे मुनाफे के चलते बकरी पालने वालों की संख्या भी बढ़ रही है.
केन्द्र सरकार के बकरी अनुसंधान केन्द्रों में बकरी पालन का कोर्स करने वालों में भी इजाफा हो रहा है. पशु जनगणना के मुताबिक बकरे-बकरियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. देश में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी बीटल, बरबरी, जखराना और जमनापारी नस्ल की हैं. बीते साल ही भारतीय बकरी पालकों ने दूध कारोबार से जुड़ी खास जानकारियां नोएडा में दुनियाभर से आए करीब 15 सौ दूध कारोबारियों संग साझा की थी. मौका था इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन की ओर से आयोजित की गई समिट का.
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केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में बकरी के दूध का 62.61 लाख मिट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यह भारत में कुल दूध उत्पादन का 3 फीसद हिस्सा है. देश में इस साल दूध का कुल उत्पादन 210 मिलियन मीट्रिक टन हुआ है. जबकि साल 2014-15 में 51.80 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ था. साल 2018 से 2020 तक जरूर बकरी के दूध उत्पादन में मामूली गिरावट आई थी. लेकिन फिर से बकरी का दूध कारोबार अपनी रफ्तार पर है.
गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि डेयरी मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए बकरी के दूध के इस आंकड़े में वो किसान या पशु पालक शामिल नहीं है जो 4-5 बकरी पालकर उसके दूध को घर में इस्तेमाल करने के साथ ही पड़ोस में भी बेच देते हैं. आज बकरी के दूध से पनीर, चीज, दूध के बिस्किट बन रहे हैं. डॉक्टर भी दवाई के रूप में बकरी का दूध पीने की सलाह दे रहे हैं. बकरी के चरने की व्यवस्था को देखकर इसके दूध को 100 फीसद ऑर्गेनिक दूध कहा जा सकता है.
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राजस्थान- 68 लाख
उत्तर प्रदेश- 46 लाख
मध्य प्रदेश- 41 लाख
महाराष्ट्रा- 37 लाख
तमिनाडू- 32 लाख
राजस्थान- 21.80 लाख
उत्तर प्रदेश- 13.19 लाख
मध्य प्रदेश- 9.10 लाख
गुजरात- 3.52 लाख
महाराष्ट्रा- 3.22 लाख
नोट- आंकड़े टन में हैं.
देश में बकरियों की कुल 37 नस्ल रजिस्टर्ड हैं.
साल 2020-21 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.63 करोड़ थी.
साल 2014-15 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.09 करोड़ थी.
साल 2012 की पशु जनगणना के मुताबिक देश में बकरियों की संख्या 135.17 मिलियन थी.
साल 2019 में जनगणना हुई तो यह संख्या बढ़कर 149 मिलियन पर पहुंच गई.
नोट- आंकड़े मत्स्य एंव पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं.
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