चिकन के रूप में खाई जाने वाली और अंडा देने वाली दोनों मुर्गे-मुर्गी अलग होते हैं. चिकन के लिए ब्रॉयलर मुर्गा 30 से 40 दिन में तैयार हो जाता है. जबकि अंडा देने वाली लेअर मुर्गी चार से साढ़े चार महीने की होने पर अंडा देना शुरू करती है. हर साल ये मुर्गी 290 से 305 तक लेकिन बीच-बीच में एक खास उम्र पर अंडे देना कम भी कर देती है. फिर कुछ उपाय करने पर भरपूर अंडे देने लगती है. लेकिन इसके बाद फिर एक ऐसी उम्र आती है जब अंडे कम होते चले जाते हैं.
ये वो वक्त होता है जब मुर्गी फीड (दाना) तो भरपूर खाती है, लेकिन अंडे लागत के बराबर भी नहीं देती है. ऐसे में मुर्गी को ब्रॉयलर मुर्गे वाला फीड खिलाकर चिकन के लिए तैयार किया जाता है और बाजार में बेच दिया जाता है. बाजार में इसके दाम ब्रॉयलर मुर्गे से बहुत ही कम होते हैं. यही वजह है कि कुछ लोग मुर्गी को ब्रॉयलर मुर्गे में मिलाकर बेच देते हैं.
ये भी पढ़ें: Dairy Milk: दूध उत्पादन में भारत ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड, बरकरार है नंबर वन वर्ल्ड रैंकिंग, पढ़ें डिटेल
जब मुर्गी मोल्टिंग का उपाय अपनाने के बाद भी अंडे कम देती है तो उसे बाजार में बेचने की तैयारी शुरू हो जाती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अंडे देने वाली मुर्गी का वजन 17 सौ से 18 सौ ग्राम तक होता है. ऐसे में पोल्ट्री फार्मर अंडे देने वाली मुर्गी को 15 से 20 दिन तक ब्रॉयलर मुर्गे को दिए जाने वाला फीड खिलाना शुरू कर देते हैं. इसके चलते अंडे देने वाली मुर्गी ढाई किलो तक की हो जाती है. सर्दियों के मौसम में इस मुर्गी का रेट 50 रुपये किलो से लेकर 70 रुपये तक चल रहा है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अंडे देने वाली मुर्गी को लेअर बर्ड कहा जाता है. लेअर बर्ड का एक दिन का चूजा बाजार में करीब 45 रुपये का मिलता है. चूजे को शुरुआत में प्री-स्टार्टर और स्टार्टर फीड खिलाया जाता है. जब चूजा बड़ा हो जाता है और अंडे देने की उम्र पर आ जाता है तो उसे मुख्य फीड देना शुरू कर दिया जाता है. मुर्गी 120 से 130 दिन की होने पर अंडा देना शुरू कर देती है. मुर्गी अंडे की शुरुआत 25 ग्राम वजन के अंडे से करती है. धीरे-धीरे अंडा 35 ग्राम, 40 ग्राम और फिर 48 ग्राम पर आता है. बाजार में 52 ग्राम से लेकर 55 ग्राम वजन का अंडा अच्छा माना जाता है.
ये भी पढ़ें: Poultry Egg: एक साल में बढ़ गए 440 करोड़ अंडे, देसी और बत्तख के अंडों की भी बढ़ी डिमांड
हालांकि अच्छे अंडे का पैमाना 60 ग्राम और उससे ज्यादा वजन भी है. लेकिन इस वजन का अंडा कम ही होता है. 150 दिन की होने पर मुर्गी 55 ग्राम तक का अंडा देने लगती है. 19 से 20 महीने तक की मुर्गी 90 फीसद अंडा देती है. इसके बाद 20 दिन की मोल्टिंग पर लगाकर मुर्गी से फिर 80 से 90 फीसद तक अंडा लिया जाता है. मोल्टिंग के दौरान मुर्गी के पंख झड़ जाते हैं, लेकिन दोबारा से आ जाते हैं और मुर्गी फिर से जवान हो जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today