Buffalo Pregnancy ये बात तो हर पशुपालक जानता है कि पशुपालन में मुनाफे का सबसे बड़ा रास्ता पशु का बच्चा है. जब तक पशु बच्चा नहीं देगा तो पशुपालक को मुनाफा मिलना शुरू नहीं होगा. यही वजह है कि कोई भी पशुपालक जानबूझकर पशुओं की देखभाल में लापरवाही नहीं बरतता है. हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाड़े में एक हेल्दी बच्चा आए और भैंस भी हेल्दी रहते हुए ज्यादा से ज्यादा दूध दे. लेकिन, एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुपालक में रिपीट ब्रीडिंग (गर्भपात) एक बड़ी परेशानी है. इसके चलते पशुपालन सेक्टर लगातार नुकसान उठा रहा है.
हालांकि इस परेशानी से निपटने के लिए ये जरूरी है कि एआई कराने के दौरान और उसके बाद बरती जाने वाली सभी सावधानियों भी बहुत जरूरी हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह आर्टिफिशल इंसेमीनेशन (एआई) कराने के दौरान बरती गई लापरवाही है. साथ ही दुधारू पशु के गाभिन होने में जरूरी पोषक तत्वों जैसे ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज और विटामिन की कमी की भी भूमिका है. इतना ही नहीं लगातार साइलेज खाने वाले पशुओं को एक्सट्रा विटामिन चाहिए होते हैं.
रिपीट ब्रीडिंग को आम तौर पर एक ऐसी भैंस के साथ जोड़कर देखा जाता जिसे तीन बार गाभिन कराया गया और वो उसके बाद भी गर्भधारण नहीं कर सकती. एक्सपर्ट के मुताबिक इसके कई कारण हो सकते हैं. कभी-कभी बहुत सारे कारणों में से सिर्फ एक-दो ही वजह बनते हैं. इस खबर में हम आपको ऐसे ही कई कारणों के बारे में बताएंगे.
एनिमल और डेयरी एक्समपर्ट के मुताबिक अधिक उम्र वाले और अधिक दूध देने वाले डेयरी पशुओं में रिपीट ब्रीडिंग की घटनाएं जयादा सामने आती हैं. दूध उत्पादन का तनाव गोनैडोट्रॉफिन के विकास और रिलीज में बाधा डालता है, जिससे बार-बार प्रजनन होता है. बार-बार प्रजनन के लिए बैक्टीरिया की विभिन्न प्रजातियां भी जिम्मेदार होती हैं, जैसे स्ट्रेप्टोकोकस, स्टैफिलोकोकस, बैसिली, कॉर्नीबैक्टीरियम, ई. कोली, प्रोटियस.
ये भी पढ़ें- Animal Care: मई से सितम्बर तक गाय-भैंस के बाड़े में जरूर करें ये खास 15 काम, नहीं होंगी बीमार
ये भी पढ़ें-Artificial Insemination: अप्रैल से जून तक हीट में आएंगी बकरियां, 25 रुपये में ऐसे पाएं मनपसंद बच्चा
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today