Murrah Buffalo: मुर्रा भैंस खरीदते समय कैसे करें इसकी पहचानें, असली नस्ल है या नहीं, पढ़ें डिटेल्स

Murrah Buffalo: मुर्रा भैंस खरीदते समय कैसे करें इसकी पहचानें, असली नस्ल है या नहीं, पढ़ें डिटेल्स

यह भैंस ज़्यादा दूध देती है और गुणवत्ता के मामले में भी सबसे बेहतरीन है. उन्होंने बताया कि मुर्रा भैंस ज़्यादातर राज्यों की सरकारी योजनाओं में भी शामिल है. लेकिन मुर्रा नस्ल की पहचान ख़रीदते समय कई अलग-अलग बिंदुओं पर की जा सकती है. आइए जानते हैं वो ख़ास पहचान.

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मुर्रा भैंस खरीदते समय कैसे करें इसकी पहचानें, असली नस्ल है या नहीं, पढ़ें डिटेल्सकाला सोना है भैंस की ये नस्ल

पशुपालकों की बात करें तो वे पैसे कमाने के लिए गाय और भैंस पालते हैं. पशुपालक दूध या अन्य दूध से बने उत्पाद बेचकर अपना घर चलाते हैं. ऐसे में पशुओं की सही नस्ल का चुनाव करना बेहद जरूरी है. ऐसे में अगर आप भी भैंस पालना चाहते हैं तो मुर्रा नस्ल की भैंस को आसानी से पाल सकते हैं. यह नस्ल अधिक दूध देने की क्षमता के लिए जानी जाती है. साथ ही इसके दूध में वसा की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है. जहां तक इसकी कीमत की बात है तो मुर्रा भैंस की कीमत 80 हजार रुपये से शुरू होती है. मुर्रा भैंस खरीदने से पहले उसकी शारीरिक पहचान के 11 बिंदुओं पर उसकी पहचान की जा सकती है. क्योंकि अगर यह शुद्ध नस्ल की होगी तो दूध अधिक देगी, बीमारियां कम होंगी और बछड़ा भी स्वस्थ होगा.

हरियाणा के हिसार स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी) के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. सज्जन सिंह ने यूनियन एकेडमी को बताया कि मुर्रा भैंस देश में सबसे ज़्यादा पाली जाने वाली नस्ल है. यह दूध भी ज़्यादा देती है. और मुर्रा भैंस का दूध गुणवत्ता के लिहाज़ से भी अच्छा माना जाता है. मुर्रा दूध विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. मुर्रा भैंस ज़्यादातर राज्यों की सरकारी योजनाओं में भी शामिल है. मुर्रा नस्ल की पहचान ख़रीदते समय कई अलग-अलग बिंदुओं पर की जा सकती है. इनमें सबसे अहम है शारीरिक संरचना की पहचान.

मुर्रा भैंस की क्या है खासियत?

  • मुर्रा भैंस  रोहतक, हिसार, झज्जर, जींद, गुड़गांव, फतेहाबाद, हरियाणा और दिल्ली में खासकर पाई जाती है.
  • मुर्रा नस्ल की भैंसें चीन, श्रीलंका, मलेशिया, बांग्लादेश, बुल्गारिया, थाईलैंड, नेपाल, इंडोनेशिया, ब्राज़ील, म्यांमार और वियतनाम में भी पाली जाती हैं.
  • एक सामान्य मुर्रा भैंस 80 हज़ार रुपये से एक लाख रुपये तक में मिल जाती है.
  • पहले बछड़े को जन्म देने के बाद, मुर्रा भैंस प्रतिदिन 12 से 15 लीटर दूध देती है.
  • मुर्रा भैंस के लिए कच्चा फर्श और सीमेंट की दीवारों वाला हवादार शेड होना चाहिए.

मुर्रा भैंस को क्या खिलाना चाहिए?

मुर्रा भैंसों को बरसीम, जई, सरसों, बाजरा, ज्वार और ग्वारफली खिलाई जाती है. उन्हें खली, दलिया और गेहूँ-दाल की भूसी भी खिलाई जाती है.

कैसे करें मुर्रा भैंस की पहचान?

  • मुर्रा भैंस का रंग गहरा काला होता है.
  • सींग छोटे, पीछे और ऊपर की ओर मुड़े हुए होते हैं. सींग चपटे होते हैं.
  • भैंस की आँखें काली और उभरी हुई होती हैं. जबकि बैल की आँखें थोड़ी संकरी होती हैं.
  • पूँछ की लंबाई 6 इंच तक होती है.
  • मुर्रा भैंस का शरीर भारी और पच्चर के आकार का होता है.
  • गर्दन पतली और लंबी होती है, जबकि भैंस की गर्दन मोटी और भारी होती है.
  • मुर्रा भैंस के कान छोटे, पतले और सतर्क होते हैं.
  • मुर्रा भैंस की लंबाई 148 सेमी और भैंस की 150 सेमी होती है.
  • मुर्रा भैंस की ऊँचाई 133 सेमी और भैंस की 142 सेमी होती है.
  • जन्म के समय मादा का वजन 30 किलोग्राम और नर का 31.7 किलोग्राम होता है.
  • वयस्क मुर्रा भैंस का वजन 350-700 किलोग्राम और नर का 400-800 किलोग्राम होता है.

मुर्रा भैंस अब देश के सभी राज्यों में पाली जा रही है. केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज़्यादा मुर्रा भैंसें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में पाली जा रही हैं. मुर्रा भैंस का दूध उत्पादन उसके दूध और उसे दिए जाने वाले आहार पर निर्भर करता है.

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