
Job in Dairy ‘आने वाले सात साल में 72 लाख जॉब और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य हम हासिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमे दो बेहद जरूरी काम करने होंगे. पहला तो ये कि प्रति पशु दूध उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देना होगा और दूसरा ये कि आज देश में चारे की कमी है, इसे दूर करने के लिए हर संभव कोशिश करनी होगी. प्रति पशु दूध उत्पादन तभी बढ़ेगा जो गांवों से युवाओं का पलायन रोका जाएगा. उन्हें पशुपालन के लिए आकर्षित किया जाएगा. पशुपालन में भी रोजगार है ये बात उन्हें समझाई जाएगी. चारे की बात करें तो आज देश में एक तिहाई चारे की कमी है.’
ये कहना है अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का. उनका ये भी कहना है कि अकेले डेयरी सेक्टर में नौकरी और कारोबार की बात करें तो एक लाख लीटर दूध प्रोसेस होने पर छह हजार लोगों के लिए नौकरी और कारोबार के रास्ते खुलते हैं. इसमे टॉप से लेकर नीचे तक सभी तरह की नौकरी शामिल हैं. इसमे से एक बड़ा हिस्सा यानि पांच हजार जॉब गांवों में होंगी तो एक हजार शहर में.
आरएस सोढ़ी ने बताया कि आज फल-सब्जी से ज्यादा दूध और लाइव स्टॉक का उत्पादन बढ़ रहा है. अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल-सब्जी का 5.5 गुना उत्पादन बढ़ चुका है. 50 साल पहले दूध् का उत्पादन 2.40 करोड़ टन था. जबकि आज दूध का उत्पादन करीब 25 करोड़ टन पर पहुंच चुका है. अगर हम आंकड़े देखें तो हर 25 साल में दूध का उत्पादन तीन गुना हो जाता है.
आरएस सोढ़ी ने लाइव स्टॉक की बात करते हुए बताया कि जब खाने-पीने के सामान की बात हो तो लाइव स्टॉक को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं. आने वाले सात-आठ साल में लाइव स्टॉक सेक्टर जैसे पोल्ट्री (अंडा-चिकन), फिशरीज और मीट के बाजार में भी 50 से 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा. आज पोल्ट्री सेक्टर तीन लाख करोड़ का है. ये सेक्टर हर साल आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ रहा है.
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