यह जरूरी नहीं हैं कि मुर्गी साल के 365 दिन अंडा दे. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अंडा देने वाली लेयर बर्ड (मुर्गी) एक साल में 280 से 290 अंडे देती है. 85 से 75 दिन अंडा न देने के पीछे वैसे तो बहुत सारी वजह हैं, लेकिन रोजमर्रा की कुछ ऐसी भी बातें हैं जिनसे मुर्गी असहज महसूस करती है. मुर्गी एक बहुत ही सेंसेटिव बर्ड है. अगर इसकी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ भी थोड़ा सा अलग होता है तो यह अंडा देना बंद कर देती है. ऐसा होने पर अब दो दिन बाद अंडा देगी या चार-छह और 10 दिन बाद यह भी मुर्गी पर ही निर्भर करता है.
एक साल में सबसे ज्यादा अंडे देने वाली मुर्गी लेयर बर्ड होती है. फिर भी यह पूरे साल अंडा न देकर सिर्फ 280 या 290 दिन तक ही अंडा देती है. वहीं एक साल में सबसे कम अंडे देने वाली मुर्गी असील नस्ल की है. यह सिर्फ 60 से 70 अंडे देती है. आनलाइन मार्केट में असील का अंडा 100 रुपये तक का बिक रहा है.
पोल्ट्री फार्म मालिक मनीष शर्मा की मानें तो एक दिन सुबह दाना देने में आधा घंटे की देरी हो गई थी. सुबह 4.30 बजे दाना देने वाली मशीन चालू कर दी जाती है. लेकिन उस दिन कर्मचारी से देरी हो गई. बस इतनी सी बात पर ही करीब 15 से 20 फीसद मुर्गियों ने 10 दिन तक अंडा देने में बहुत आनाकानी की. जबकि अंडा न देने वाले दिनों में भी उन 20 फीसद मुर्गियों अपनी जरूरत के हिसाब से दाना खाया.
यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली बताते हैं कि अगर आप पोल्ट्री फार्म की लाइट एक ही वक्त पर ऑन-ऑफ करते हैं और किसी दिन उस वक्त में बदलाव आ जाता है तो मुर्गी इससे भी असहज हो जाती है और कुछ मुर्गियां अंडा नहीं देती हैं. गलती से अगर मुर्गियों को रखने की जगह पर कोई बड़ा जानवरा घुस आया, फिर चाहें वो मुर्गियों को नुकसान पहुंचाने वाला हो या नहीं, लेकिन मुर्गियां इससे डर जाती हैं और अंडा देने का चक्र टूट जाता है. शोरगुल से भी मुर्गियां परेशान हो जाती हैं. खासतौर पर दिवाली के दौरान अंडों का प्रोडक्शन कई दिन के लिए गिर जाता है.
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