मौसम में आ रहे बदलाव के चलते भेड़-बकरी, गाय-भैंस के लिए साल के पूरे 12 महीने चारे का इंतजाम करना टेड़ी खीर हो गया है. चारा महंगा होने के चलते ही साल में दो से तीन बार तक दूध के दाम बढ़ रहे हैं. अब सिर्फ गर्मी ही नहीं सर्दी और बरसात के दौरान भी हरा चारा मिलना मुश्किमल हो गया है. ऐसे में उस चारे की ज्यादा जरूरत होती है जो दूध बढ़ाने वाला पौष्टिक भी हो और हर मौसम में आसानी से मिल जाए. खासतौर पर दूध देने वाले पशुओं के लिए 12 महीने इसी तरह के हरे चारे की जरूरत होती है.
बकरियों को भी दाने और सूखे चारे के साथ हरा चारा चाहिए होता है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट का कहना है कि मोरिंगा (सहजन) एक ऐसा ही हरा चारा है. सीआईआरजी बीते पांच साल से इस पर रिसर्च कर रहा है. सीआईआरजी के साइंटिस्ट का कहना है कि मोरिंगा यानि सहजन में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है. इसके साथ ही दूसरे जरूरी मिनरल्स और विटामिन भी इसके अंदर हैं. दूसरे हरे चारे के मुकाबले प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स के मामले में यह बहुत ही पौष्टिक है.
सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ ने किसान तक को बताया कि मोरिंगा लगाने के लिए गर्मी और बरसात का मौसम सही होता है. जैसे बारिश का मौसम चल रहा है. अगर जून से मोरिंगा लगाना शुरू कर दिया जाए तो फायदेमंद रहेगा. लेकिन ख्याल यह रखना है कि इसे पेड़ नहीं बनने देना है. इसके लिए यह जरूरी है कि 30 से 45 सेंटी मीटर की दूरी पर इसकी बुवाई की जाए. इसकी पहली कटाई 90 दिन यानि तीन महीने के बाद करनी है. तीन महीने के वक्त में यह आठ से नौ फीट की हाईट पर आ जाता है.
तो इस तरह से पहली कटाई 90 दिन में करने के बाद बाकी की कटाई हर 60 दिन बाद करनी है. काटते वक्त यह खास ख्याल रखना है कि इसकी कटाई जमीन से एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई से करनी है. इससे होता यह है कि नई शाखाएं आने में आसानी रहती है.
डॉ. आरिफ ने बताया कि मोरिंगा के तने को भी बकरी खाती है. क्योंकि इसका तना बहुत ही मुलायम होता है. इसकी पत्तियों को भी बकरे और बकरी बड़े ही चाव से खाते हैं. अगर आप चाहें तो पहले बकरियों को पत्तियां खिला सकते हैं. इसके तने को अलग रखकर उसके पैलेट्स बना सकते हैं. पैलेट्स बनाने का एक अलग तरीका है. ऐसा करके आप बकरे और बकरियों के लिए पूरे साल के चारे का इंतजाम कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें-Dairy Plan and War: लड़ाई के दौरान देश में नहीं होगी दूध-मक्खन की कमी, ये है डेयरी का प्लान
ये भी पढ़ें-Artificial Insemination: अप्रैल से जून तक हीट में आएंगी बकरियां, 25 रुपये में ऐसे पाएं मनपसंद बच्चा
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today