Green Fodder Moringa: जून में लगाया तो पूरे साल भेड़-बकरी खाएंगी ये हरा चारा, जानें डिटेल 

Green Fodder Moringa: जून में लगाया तो पूरे साल भेड़-बकरी खाएंगी ये हरा चारा, जानें डिटेल 

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट का कहना है कि बेशक मोरिंगा का एक पेड़ होता है. लेकिन कुछ जरूरी बातें ध्यान रखी जाएं तो इसकी पत्तियों के साथ ही इसके तने को भी चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. तने को पैलेट्स में तब्दील कर 12 महीने इसे बकरे और बकरियों को खिलाया जा सकता है. 

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Green Fodder Moringa: जून में लगाया तो पूरे साल भेड़-बकरी खाएंगी ये हरा चारा, जानें डिटेल  मोरिंगा की खेती

मौसम में आ रहे बदलाव के चलते भेड़-बकरी, गाय-भैंस के लिए साल के पूरे 12 महीने चारे का इंतजाम करना टेड़ी खीर हो गया है. चारा महंगा होने के चलते ही साल में दो से तीन बार तक दूध के दाम बढ़ रहे हैं. अब सिर्फ गर्मी ही नहीं सर्दी और बरसात के दौरान भी हरा चारा मिलना मुश्किमल हो गया है. ऐसे में उस चारे की ज्यादा जरूरत होती है जो दूध बढ़ाने वाला पौष्टिक भी हो और हर मौसम में आसानी से मिल जाए. खासतौर पर दूध देने वाले पशुओं के लिए 12 महीने इसी तरह के हरे चारे की जरूरत होती है. 

बकरियों को भी दाने और सूखे चारे के साथ हरा चारा चाहिए होता है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट का कहना है कि मोरिंगा (सहजन) एक ऐसा ही हरा चारा है. सीआईआरजी बीते पांच साल से इस पर रिसर्च कर रहा है. सीआईआरजी के साइंटिस्ट का कहना है कि मोरिंगा यानि सहजन में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है. इसके साथ ही दूसरे जरूरी मिनरल्स और विटामिन भी इसके अंदर हैं. दूसरे हरे चारे के मुकाबले प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स  के मामले में यह बहुत ही पौष्टिक है. 

साइंटिस्ट ने बताया इस मौसम में लगाएं मोरिंगा 

सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ ने किसान तक को बताया कि मोरिंगा लगाने के लिए गर्मी और बरसात का मौसम सही होता है. जैसे बारिश का मौसम चल रहा है. अगर जून से मोरिंगा लगाना शुरू कर दिया जाए तो फायदेमंद रहेगा. लेकिन ख्याल यह रखना है कि इसे पेड़ नहीं बनने देना है. इसके लिए यह जरूरी है कि 30 से 45 सेंटी मीटर की दूरी पर इसकी बुवाई की जाए. इसकी पहली कटाई 90 दिन यानि तीन महीने के बाद करनी है. तीन महीने के वक्त में यह आठ से नौ फीट की हाईट पर आ जाता है.

तो इस तरह से पहली कटाई 90 दिन में करने के बाद बाकी की कटाई हर 60 दिन बाद करनी है. काटते वक्त यह खास ख्याल रखना है कि इसकी कटाई जमीन से एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई से करनी है. इससे होता यह है कि नई शाखाएं आने में आसानी रहती है. 

साल भर रखने के लिए मोरिंगा के तने को बनाएं पैलेट्स  

डॉ. आरिफ ने बताया कि मोरिंगा के तने को भी बकरी खाती है. क्योंकि इसका तना बहुत ही मुलायम होता है. इसकी पत्तियों को भी बकरे और बकरी बड़े ही चाव से खाते हैं. अगर आप चाहें तो पहले बकरियों को पत्तियां खिला सकते हैं. इसके तने को अलग रखकर उसके पैलेट्स बना सकते हैं. पैलेट्स बनाने का एक अलग तरीका है. ऐसा करके आप बकरे और बकरियों के लिए पूरे साल के चारे का इंतजाम कर सकते हैं. 

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