खेती किसानी के अलावा किसान आज के समय में अधिक आय कमाने के लिए पशुपालन और मुर्गी पालन की ओर बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में मुर्गी पालन आज के समय में एक उभरता रोजगार है. भारतीय कृषि क्षेत्र में पोल्ट्री सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है. कृषि अनाज उत्पादन प्रति वर्ष 1.5 से 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि अंडा उत्पादन और ब्रॉयलर की वृद्धि दर प्रति वर्ष 8 से 10 प्रतिशत है. भारत वर्तमान में अंडे का दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक और दुनिया में ब्रॉयलर का अठारहवां सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विकासशील देश है जो पोल्ट्री क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अगर आप भी पोल्ट्री का बिजनेस करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको कुछ बातों का खास खयाल रखना होगा. पोल्ट्री का बिजनेस दो बातों पर निर्भर करता है. एक मुर्गियों से मांस उत्पादन की क्षमता और दूसरा मुर्गियों के अंडे देने की क्षमता. ऐसे में इन चारों की मदद से आप मुर्गियों से ज्यादा अंडे ले सकते हैं. ये चारा वजन बढ़ाने में भी मददगार हैं.
मुर्गियों के आहार के रूप में अजोला का उपयोग करने से ब्रॉयलर पक्षियों का वजन और अंडा दोनों के उत्पादन में बढ़त होती है. मुर्गियों को प्रतिदिन 30-50 ग्राम अजोला खिलाने से उनके शरीर का वजन और अंडा उत्पादन क्षमता 10-15 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. पोल्ट्री व्यवसायियों के लिए यह बेहद फायदेमंद चारा साबित हो रहा है. क्योंकि बाजार में मांस और अंडे की मांग ज्यादा है. ऐसे में इस मांग को पूरा करने के लिए मुर्गीपालक इस चारे का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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आपको बता दें कि देसी मुर्गियां पालने के कई फायदे हैं. पहली बात तो ये कि इनके रखरखाव पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. इस बिजनेस को 10 से 15 मुर्गियों से शुरू किया जा सकता है. ये मुर्गियां लागत से लगभग दोगुना मुनाफा देती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जब ये मुर्गियां पूरी तरह विकसित हो जाएंगी तो इन्हें बाजार में बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. अगर आप इन्हें बाजार में बेचते हैं तो ये आपको लागत से दोगुना तक मुनाफा दे सकते हैं. घरेलू मुर्गी पालन व्यवसाय को आप जितने बड़े पैमाने पर शुरू करेंगे, आपकी आय में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी.
मुर्गियों के वजन को बढ़ाने के लिए प्रोबायोटिक्स रासायनिक पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. इसे चारे में मिलाकर चूजे को दिया जाता है. इसमें लैक्टो बैसिलस और कुछ अन्य बैक्टीरिया होते हैं जो चूजे का आकार तेजी से बढ़ाते हैं। यह ज्यादा चमकदार भी दिखता है. लेकिन यह इंसनों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसे में इन प्रोबायोटिक्स रासायनिक पाउडर का इस्तेमाल ना करते हुए किसान अजोला का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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