Bakrid 2023: एक करोड़ के बकरे की बकरीद से पहले हुई मौत, शरीर पर लिखा था 'अल्लाह' और 'मोहम्मद'

Bakrid 2023: एक करोड़ के बकरे की बकरीद से पहले हुई मौत, शरीर पर लिखा था 'अल्लाह' और 'मोहम्मद'

बकरीद से पहले 'शेरू' नाम के बकरे की मौत हो गई है. बकरे के मालिक शकील शेख ने इसकी कीमत 1 करोड़ 12 लाख 786 रुपये रखी थी. गौरतलब है कि जन्म से बकरे की गर्दन पर उर्दू में 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' शब्द लिखे हुए थे. इस बकरे के केवल दो दांत थे और इसका वजन 100 किलो था. पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

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Bakrid 2023: एक करोड़ के बकरे की बकरीद से पहले हुई मौत, शरीर पर लिखा था 'अल्लाह' और 'मोहम्मद'बकरीद से पहले 'शेरू' नाम के बकरे की मौत

बकरीद के मौके पर कुर्बानी के लिए खास बकरे की जरूरत होती है. लोग महंगे से महंगा बकरा खरीद कर कुर्बानी देते हैं. 'शेरू' नाम के ऐसे ही एक बकरे की कीमत चौंका देने वाली थी, दिलचस्प बात यह है कि इस बकरे के शरीर पर उर्दू में 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' लिखा हुआ था. महाराष्ट्र के अंबरनाथ में रहने वाले इस बकरे के मालिक ने इसकी कीमत 1 करोड़ 12 लाख 786 रुपये रखी थी. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बकरीद से पहले 100 किलो के शेरू की बीमारी से मौत हो गई, जिससे इलाके में मातम सा फैल गया है. क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं- 

शरीर पर लिखा था 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' शब्द

शकील शेख ठाणे जिले के अंबरनाथ कस्बे में तहसील कार्यालय के पीछे सिद्धार्थ नगर में अपने परिवार के साथ रहते हैं. वहीं वह अंबरनाथ रेलवे स्टेशन के सामने सड़क पर बने-बनाए कपड़े बेचकर अपना गुजारा करते हैं. दिलचस्प बात यह है कि शकील को बकरा-बकरी पालने का शौक है और डेढ़ साल पहले बकरी का बच्चा हुआ था. उस वक्त शकील ने उसका नाम 'शेरू' रखा, शकील ने छोटी उम्र से ही इस बकरे को प्यार और दुलार से पाला. 

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जन्म से बकरे की गर्दन पर उर्दू में 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' शब्द लिखे हुए थे. इस बकरे के केवल दो दांत थे और इसका वजन 100 किलो था. शकील ने इस बकरे को सवा करोड़ में बेचकर गांव में एक स्कूल बनाने का सपना देखा था.

1 करोड़ 12 लाख 786 रुपये रखी थी बकरे की कीमत 

शकील ने इस बकरे को आगामी 29 जून को 1 करोड़ 12 लाख 786 रुपये में बेचने का फैसला किया था. शेरू बकरे के मालिक शकील उसे रोज सुबह-शाम सेब, अंगूर, बजरी, मक्का, चना, काजू बादाम जैसे खाना खिलाता था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से शेरू बीमारी से जूझ रहा था. 

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मालिक को उम्मीद थी कि वह ठीक हो जाएगा. उसे प्रतिदिन 2,000 रुपये की दवा देता था, लेकिन अचानक बीमारी के कारण उसकी मौत हो जाने से शकील का गांव में स्कूल बनाने का सपना पूरा नहीं हो पाया हैं. इस बकरे की कीमत को लेकर पूरे प्रदेश में जोरों से चर्चा हुई थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण से उसकी मौत हो गई.

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