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Goat Farming: बाजार में है बकरी के दूध की डिमांड, गुजरात में हो रहा काम, आ सकते हैं बड़े प्लेयर

Goat Farming: बाजार में है बकरी के दूध की डिमांड, गुजरात में हो रहा काम, आ सकते हैं बड़े प्लेयर

केन्द्रीय एनीमल हसबेंडरी और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022-23 में बकरी के दूध का 76 लाख टन उत्पादन हुआ है. जबकि 2021-22 में 65 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ था. यूपी, राजस्थान और मध्य  प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन हो रहा है. 

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बकरियों में रोग और रोकथाम बकरियों में रोग और रोकथाम

गुणों को देखते हुए बाजार में लगातार बकरी के दूध की डिमांड बढ़ रही है. हर साल प्रोडक्शन भी बढ़ रहा है. लेकिन अभी प्रोडक्शन बढ़ने की रफ्तार उतनी नहीं है जैसी गाय-भैंस की है. लेकिन जिस तरह से बकरी पालन रफ्तार पकड़ रहा है उस हिसाब से दूध का उत्पादन बढ़ना तय माना जा रहा है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो गुजरात में कमर्शियल स्तर पर दो से तीन बकरी फार्म पर काम भी शुरू हो गया है. अभी बकरी के दूध का कारोबार असंगठित हाथों में है.

लेकिन ये तय है कि जैसे ही ये संगठित होगा तो डेयरी से जुड़े कुछ बड़े प्लेयर बकरी के दूध कारोबार में भी आ जाएंगे. जैसे आज अमूल ऊंट का पैक्ड दूध बेच रही है. एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक दक्षिण भारत के कई राज्यों में बकरी पालन तेजी से बढ़ रहा है. 

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बकरी के दूध कलेक्शन में आ रही परेशानी 

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि डेयरी के कई बड़े प्लेयर की बकरी के दूध पर नजर है. बाजार भी अच्छा है. डिमांड भी है. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी बकरी का दूध कलेक्शन करने में आती है. अभी होता ये है कि किसी के पास पांच बकरी हैं तो किसी के पास 10. इस तरह से पांच-दस लीटर दूध कलेक्ट करने के लिए अलग-अलग दिशा में कई-कई किमी तक जाना पड़ता है. इसमे वक्त भी खराब होता है तो लागत भी ज्यादा आती है. बड़े बकरी फार्म की संख्या़ अभी कम है. लेकिन इस तरफ कोशिश शुरू हो गई हैं. कई लोगों ने बड़े बकरी फार्म की शुरुआत कर दी है. 

गुजरात में ही दो से तीन बड़े बकरी फार्म पर काम चल रहा है. अगर बड़े बकरी फार्म खुलने लगे तो फिर बड़ी कंपनियां भी आ जाएंगी. इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि बकरी के दूध के कारोबार का भविष्य बहुत ही उज्जवल है. बस अभी जरूरत थोड़ा सा काम करने की है. और उसकी भी शुरुआत गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से हो चुकी है. 

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गडवासु के वाइस चांसलर बोले- ऑर्गनिक है बकरी का दूध 

गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि डॉक्टर भी दवाई के रूप में बकरी का दूध पीने की सलाह दे रहे हैं. बकरी के चरने की व्यवस्था को देखकर इसके दूध को ऑर्गेनिक भी कहा जा सकता है.