देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आए दिन पशुपालन का रोजगार अब तेजी से बढ़ता जा रहा है. वर्तमान समय में पशुपालन एक बेहतर कारोबार के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है. पशुपालन के व्यवसाय से जुड़कर कई किसान आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहे हैं और जीवन-यापन में बदलाव ला रहे हैं. इसलिए भारत में खेती-किसानी के बाद बड़े पैमाने पर पशुपालन किया जा रहा है, लेकिन कई बार किसानों को पशुपालन की कई जानकारियां नहीं होती हैं.
कम जानकारी के अभाव में पशुपालकों को बहुत बार भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है. ऐसे में पशुपालकों को कई बार पशुओं को क्या खिलाएं जिससे दूध उत्पादन बढ़ जाए ये जानकारी भी होनी चाहिए. आइए जानते हैं पशुओं को क्या खिलाने से कैसे दूध का उत्पादन बढ़ जाता है.
गाय और भैंस जैसे मवेशियों में दूध की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सीजन के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिए. इसमें सहजन के पत्ते, शतावर, केले का थंब और लोबिया घास सहित कुछ अन्य चीजें शामिल हैं. जिसे खिलाने से पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ सकता है.
ये भी पढ़ें:- भीषण गर्मी से इस राज्य में महंगे हो गए फल, आइस सेब की कीमत में 100 फीसदी की बढ़ोतरी
यदि आप अपने पशुओं के लिए सहजन के पत्ते का उपयोग करना चाहते हैं, तो गाय के दूध देने की क्षमता के अनुसार इसे चारे के रूप में सुबह शाम खिलाएं. ऐसे में यदि कोई गाय दिनभर में 10 लीटर दूध देती है, तो उसे दिनभर में कुल 5 किलो सहजन की पत्तियां चारे के रूप में खिलाना चाहिए. इससे उनमें दूध की उत्पादकता तेजी से बढ़ती है.
ठीक इसी प्रकार यदि आप केले के थंब का उपयोग करना चाहते हैं, तो चारे में क़रीब 200 ग्राम शतावर मिलाकर इसे मवेशियों को सुबह-शाम खिला सकते हैं. ध्यान रहे कि ये मात्रा हमने प्रतिदिन 10 लीटर दूध देने वाले मवेशी के अनुसार बताई है. ठीक इसी प्रकार केले के थंब की गुल्लियां बनाकर प्रतिदिन 5 किलो गुल्लियां चारे के रूप में खिलाएं.
मवेशियों की दूध देने की क्षमता को बढ़ाने के लिए लोबिया घास एक अच्छा ऑप्शन है. इस घास में औषधीय गुण होते हैं, जिसका पशुओं पर कोई बुरा असर नहीं होता है, बल्कि कुछ ही समय में दूध की मात्रा के साथ क्वालिटी भी बढ़ जाती है. लोबिया घास की अच्छी बात यह भी है कि दूसरी किस्म की घास की तुलना में इसे खाने पर पशुओं का पाचन भी अच्छा रहता है. इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर पशुओं की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today