आज भी देश के ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन बहुत लोकप्रिय है. यहां के लोग अपनी आजीविका के लिए बड़े पैमाने पर कृषि या पशुपालन पर निर्भर हैं. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में यह रोजगार तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है. बकरियों का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है. कुछ लोग इसका उपयोग दूध के लिए करते हैं तो कुछ लोग बकरी के मांस के लिए. आपको बता दें कि बाजारों में बकरी के दूध और मांस की मांग काफी ज्यादा है. खाने के शौकीन लोग बकरे का मांस बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. बकरी के दूध का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है. ऐसे में अगर आप भी बकरी पालन कर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप बकरी पालन क्यों करना चाहते हैं. फिर उसके अनुसार बकरियों की नस्ल का चयन करें. इसी कड़ी में आज हम बकरी की एक ऐसी नस्ल के बारे में बात करेंगे जिसका वजन 42 किलो तक है और इसके दूध और मांस दोनों की मांग है.
भारत में संगमनेरी बकरी को महाराष्ट्र के पुणे, नासिक, सोलापुर और धुले जिलों के क्षेत्रों में पाला जाता है. लेकिन ये बकरियां पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में भी पाई जाती हैं. संगमनेरी नस्ल की बकरी पालन से लोगों को अच्छा मुनाफा होता है क्योंकि यह नस्ल अधिक दूध और मांस उत्पादन के लिए जानी जाती है.
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संगमनेरी बकरियों की कीमत नस्ल, उम्र, वजन और क्षेत्र जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है. इस नस्ल के बकरों की मांग बाजारों में अधिक रहती है. संगमनेरी नर बकरों की कीमत 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलोग्राम (जीवित बकरे) है. और संगमनेरी बकरी की कीमत 275 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम है.
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