Goat Farming: बकरी का दूध और वजन बढ़ाने के लिए क्या खिलाएं, 10 आसान पॉइंट्स में समझें
खासकर बकरी के दूध और मांस की बात करें तो बाज़ारों में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. जिस वजह से अधिकतर किसान इन्हीं वजहों से बकरी पालन का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बकरियों के खान-पान का सही खयाल रखा जाए. तभी जाकर बकरियों के वजह और दूध को बढ़ाया जा सकता है.
आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के बाद पशुपालन बड़े पैमाने पर किया जाता है. छोटे और सीमांत किसान अधिकतर पशुपालन करते हैं. ऐसे किसान बकरी जैसे छोटे जानवरों को पालना पसंद करते हैं. बकरी एक छोटे आकार का जानवर है, जिसे बहुत आसानी से पाला जा सकता है. इसे सीमांत और भूमिहीन किसानों द्वारा दूध और मांस के लिए पाला जाता है. इसके अलावा बकरी की खाल, बाल और रेशे का भी व्यावसायिक महत्व है. खासकर बकरी के दूध और मांस की बात करें तो बाज़ारों में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.
जिस वजह से अधिकतर किसान इन्हीं वजहों से बकरी पालन का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बकरियों के खान-पान का सही खयाल रखा जाए. तभी जाकर बकरियों के वजह और दूध को बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में किन चीजों का खयाल रखना चाहिए आइए जानते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में बकरियों के पेट को भरने के लिए उन्हें केवल चारा खिलाया जाता है.
बकरियों को इधर-उधर घूमना और अपने पिछले पैरों पर खड़े होकर झाड़ियों और छोटे पेड़ों की पत्तियां खाना पसंद होता है.
बकरियां अपने ऊपरी होठों की मदद से छोटी घास और झाड़ियां खा सकती हैं जिन्हें अन्य जानवर खाने में असमर्थ होते हैं.
बकरियां विभिन्न प्रकार के चारे को आसानी से खा सकती हैं लेकिन ऐसा चारा नहीं खातीं जो स्वयं या अन्य जानवरों द्वारा दूषित हो गया हो.
बकरियां अपना 70 प्रतिशत समय चरागाह में पत्तियां और झाड़ियां खाकर बिताती हैं.
बकरियां आमतौर पर चारे के रूप में फलियां वाली फसलें पसंद करती हैं जबकि वे ज्वार, मक्का और भूसा कम पसंद करती हैं.
बकरियों को देने से पहले सभी प्रकार के चारे को एक बंडल में लटकाकर रखना चाहिए. इसे किसी ऊंचे मंच पर रखना चाहिए और जहां तक संभव हो बकरियों को धूप में रखे पत्ते ही देने चाहिए.
बकरियों को नीम, बेर, स्ट्रॉबेरी, आम, जामुन, इमली, पीपल, कटहल, बबूल, महुआ आदि पेड़ों की पत्तियाँ बहुत पसंद होती हैं.
बकरियों को हरी पत्तागोभी और फूलगोभी की पत्तियाँ भी पसंद होती हैं.
हरे चारे के अभाव में उत्पादन बनाए रखने के लिए पूरक आहार देना चाहिए.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी
आपको बता दें कि बकरी फार्म ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी मजबूत करता है. एक बकरी को लगभग एक वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता होती है. साथ ही, बकरियों की कीमत किसी भी अन्य जानवर की तुलना में कम होती है. आमतौर पर एक बकरी 1-2 किलो चारा खाकर गुजारा कर लेती है.