भैंस की टॉप 4 नस्लेंTips for Animal Husbandry डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो पशुपालन करने वाले डेयरी किसानों की संख्या घट रही है. नई पीढ़ी पशुपालन में कम आ रही है. जिसके चलते खासतौर पर छोटे डेयरी किसान पशुपालन को छोड़ रहे हैं. हालांकि पशुओं की संख्या के चलते भारत कुल दूध उत्पादन में विश्व में पहले नंबर पर है. हर साल दूध उत्पादन बढ़ रहा है. बाजारों में डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड भी बढ़ रही है. विदेशों से भी डिमांड आ रही है, लेकिन किन्हीं वजहों से उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है.
लेकिन दूध उत्पादन बढ़ने की रफ्तार बरकरार कैसे रहे और कैसे इस रफ्तार को और बढ़ाया जाए इस पर चर्चा ज्यादा हो रही है. इस बारे में अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी ने डेयरी सेक्टर के सामने आ रहीं कुछ चुनौतियों का जिक्र किया है. उनका कहना है कि इन्हें दूर किए बिना डेयरी किसानों को पशुपालन में रोकना मुश्किल है.
डॉ. सोढ़ी का कहना है कि बाजार की बात करें तो देश में सालाना 45 लाख करोड़ रुपये का फूड कारोबार है. आज ग्राहक की डिमांड एनिमल बेस्ड फूड की है. जिससे प्रोटीन और फैट दोनों ही मिले. ग्राहक को आज ऐसा प्रोडक्ट चाहिए जो स्वादिष्ट, हेल्दी होने के साथ ही उसके बजट का हो. ग्राहक आज ब्रांडेड और पैक्ड आइटम पर बहुत जोर देता है. खासतौर से छोटे पैकडी आइटम पर. क्योंकि छोटे शहरों से पैक्ड आइटम की बहुत डिमांड आ रही है. इतना ही नहीं, हमे ग्राहक को ये भी भरोसा दिलाना होगा कि वो नकली, सिंथेटिक और केमिकल बेस्ड फूड नहीं खा रहा है.
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