Fisheries मंत्रालय अब मछली पालकों को सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ ही नहीं ट्रेनिंग भी देगा 

Fisheries मंत्रालय अब मछली पालकों को सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ ही नहीं ट्रेनिंग भी देगा 

हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर से मछली पालकों को बुलाया गया था. इसी दौरान केन्द्री य मत्य््र, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला से कुछ लोगों ने योजनाओं का लाभ देने के साथ मछली पालन की ट्रेनिंग शुरू करने की मांग उठाई थी. 

Advertisement
Fisheries मंत्रालय अब मछली पालकों को सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ ही नहीं ट्रेनिंग भी देगा आंध्रा प्रदेश में झींगा तालाब देखते सचिव डॉ. अभ‍िलक्ष लिखी. फोटो क्रेडिट- पीआईबी

केन्द्र सरकार लगातार मछली पालन को बढ़ावा दे रही है. हाल ही में बजट पेश करने के दौरान सीफूड एक्सपोर्ट को डबल करने की घोषणा की गई है. इसके लिए सरकार कई बड़ी योजनाएं भी चला रही है. 20500 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी प्रधानमंत्री मत्य्लिए संपदा योजना (PMMSY) चलाई जा रही है. फिश हॉर्बर और फिश लैंडिंग सेंटर जैसे संसाधन खड़े किए जा रहे हैं. केसीसी और बीमा योजनाओं का फायदा दिया जा रहा है. इसी बीच कई मौकों पर मछली पालकों ने केन्द्रीय मत्य्, पशुपालन और डेयरी मंत्री से योजनाओं का लाभ दिए जाने के साथ ही मछली पालन से जुड़ी ट्रेनिंग देने की मांग भी उठाई है. 

जिस पर मंत्रालय ने ट्रेनिंग शुरू किए जाने की योजना पर विचार करने की बात कही है. हालांकि फिश रिसर्च से जुड़े कुछ संस्थान समय-समय पर अपने यहां ट्रेनिंग कराते रहते हैं. एमपीडा भी अपने स्तेर पर ट्रेनिंग कराता है.

ये भी पढ़ें: बजट में Sea Food Export बढ़ाने की हुई घोषणा, एक्सपर्ट बोले करने होंगे ये छह काम

ट्रेनिंग की इसलिए महसूस हो रही जरूरत 

फिश एक्सपर्ट की मानें तो बीते 10 साल में सीफूड उत्पादन दोगुना से भी ज्यादा हो चुका है. इनलैंड फिशरीज के तहत मछली और झींगा उत्पादन दोनों ही मानों पंख लगाकर तेजी से बढ़ रहा है. आंकड़ों पर जाएं तो साल 2013-।4 में इनलैंड मछली उत्पादन 61.36 लाख टन था. जो साल 2022-23 में बढ़कर 131.37 लाख टन पर पहुंच गया है. इसी तरह से झींगा उत्पादन 3.22 लाख टन से बढ़कर 11.84 लाख टन पर पहुंच गया है. एक्सपोर्ट की बात करें तो झींगा की हिस्सेदारी 70 फीसद से भी ज्यादा है. 

अब हाल ही में बजट पेश करने के दौरान केन्द्र सरकार ने सीफूड एक्स‍पोर्ट को 64 हजार करोड़ से बढ़ाकर एक लाख करोड़ तक पहुंचाने का ऐलान किया है. और ये सब मुमकिन होगा इनलैंड फिशरीज से. जिसके लिए नए तालाब बनेंगे,और ज्यादा नई तकनीक का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाया जाएगा. और सबसे खास बात ये कि इस सब के लिए मछली पालकों को ट्रेंड करने की भी जरूरत होगी.

ये भी पढ़ें: Animal Husbandry: मुर्गी, भेड़-बकरी, गाय-घोड़े की आठ नई नस्ल और हुईं रजिस्टर्ड, पढ़ें डिटेल

लोकसभा में उठा मछली पालन की ट्रेनिंग से जुड़ा सवाल 

हाल ही में बजट सत्र के दौरान दो फरवरी को राज्यसभा में मछली पालन से जुड़ी ट्रेनिंग के मामले में एक सवाल उठा था. सवाल राज्यसभा सदस्य डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू ने उठाया था. उन्होंने मंत्रालय से पूछा है कि क्या‍ सरकार आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत मछुआरों को मछली पालन के क्षेत्र में ट्रेनिंग देने के लिए कोई कदम उठाया है. जिस पर मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पीएमएमएसवाई के तहत 2.55 लाख लोगों को मछली पालन की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. 
 

 

POST A COMMENT