देश में पशुपालन बिजनेस का रूप ले रहा है. अब गांव से लेकर शहरों में तक में लोग दुधारू मवेशियों का पालन कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. वहीं, कई किसान तो दूध, दही, मक्खन, घी और पनीर बेचर कर करोड़पति बन गए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में पशुपालकों को दुधारू मवेशियों की सही तरह से देखरेख करने की जानकारी नहीं है. वे मौसम के हिसाब से दुधारू गाय-भैंस को सही आहार तक नहीं दे पाते हैं. इससे दूध उत्पादन प्रभावित होता है. लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे नीचे बताए गए तरीके को अपनाकर अपनी गाय-भैंस को एक्सट्रा पोषणयुक्त आहार दे सकते हैं. अगर चाहें, तो सरसों का तेल भी पिला सकते हैं.
पशु एक्सपर्ट के मुताबिक, दुधारू मवेशियों को हरा चारा और दाना देना बहुत जरूरी है. लेकिन इससे भी ज्यादा आवश्यक उन्हें सरसों का तेल पिलाना है. क्योंकि सरसों का तेल दुधारू गाय-भैंस के लिए बहुत ही फायदेमंद है. विशेषज्ञों का कहना है कि दुधारू मवेशियों को वासा की बहुत जरूरत होती है. जबकि सरसों के तेल में प्रचुर मात्रा में वसा पाया जाता है. अगर हम दुधारू मवेशियों को सरसों का तेल पिलाते हैं, तो इससे उनके शरीर को एनर्जी मिलती है. खास बात यह है कि ब्याने के बाद गाय-भैंस को सरसों का तेल जरूर पिलाना चाहिए. क्योंकि बीमार पड़ने पर उनके शरीर कमजोर हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें सरसों का तेल पिलाने से तुरंत एक्सट्रा एनर्जी मिलती है.
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जब खूब गर्मी, लू या सर्दी पड़ रही हो, तो दुधारू मवेशियों को अधिक एनर्जी की जरूरत होती है. ऐसी स्थिति में उन्हें सरसों का तेल पिलाना उनके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहेगा. वहीं, सर्दी के मौसम में सरसों का तेल पीने से मवेशियों का शरीर अंदर से गर्म रहता है. ऐसे में उन्हें ठंड लगने की संभावना भी कम रहती है. इससे पशु बीमार भी बहुत कम पड़ते हैं. हालांकि, सरसों का तेल पशुओं को रोज नहीं पिलाना चाहिए. इससे उन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है.
पशु चिकित्सकों का कहना है कि बीमार पड़ने पर ही पशुओं के सरसों का तेल पिलाना चाहिए. क्योंकि बीमार पड़ने पर पशुओं में एनर्जी लेवल कम हो जाता है. इसलिए आप पशुओं को एक बार में 100 -200 एमएल तक सरसों पिला सकते हैं. हालांकि, अगर आपकी भैंस या गायों के पेट में गैस बन गई है तो इस स्थिति में जरूर उन्हें 400 से 500 ML सरसो का तेल पीने को दिया जा सकता है. चिकित्सकों के मुताबिक, बीमार पशुओं को सरसों का तेल पिलाने से उनकी पाचन प्रक्रिया सही रहती है. इससे उनके पेट में गैस भी नहीं बनती है, जिससे वे स्वस्थ्य रहते हैं. ऐसे में दुधारू मवेशियों में दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है.
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