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UP: नीलगाय से पौधों को बचाने के लिए किसान ने निकाला अनोखा तरीका, बिना खर्च किए मिलेगी बड़ी राहत

UP: नीलगाय से पौधों को बचाने के लिए किसान ने निकाला अनोखा तरीका, बिना खर्च किए मिलेगी बड़ी राहत

शाहजहांपुर के विकासखंड क्षेत्र खुदागंज के रहने वाले किसान लाल बहादुर जो पिछले कई सालों से बागवानी करते हैं. लाल बहादुर ने किसान तक से बातचीत में बताया कि वह नीलगाय की वजह से बेहद परेशान थे.

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नीलगायों के आतंक से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है. (Photo-Kisan Tak) नीलगायों के आतंक से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है. (Photo-Kisan Tak)

Shahjahanpur News: नीलगायों के आतंक से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है, क्योंकि नीलगाय खेतों में लगी फसलों को चरने से ज्यादा फसलों को रौंद देती हैं. इससे किसानों की लागत और कड़ी मेहनत से तैयार फसल बर्बाद हो जाती है. इस बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए शाहजहांपुर के एक किसान ने निंजा टेक्निक निकाली है. खास बात यह है कि किसान बिना कोई पैसा खर्च किए अपने पौधों को सुरक्षित कर सकते हैं. अब किसानों को ना ही ट्री गार्ड बनाने की जरूरत है. साथ ही खेत किनारे फेंसिंग करने की भी कोई आवश्यकता नहीं है.

नीलगाय की वजह से बेहद परेशान

बता दें कि शाहजहांपुर के विकासखंड क्षेत्र खुदागंज के रहने वाले किसान लाल बहादुर जो पिछले कई सालों से बागवानी करते हैं. लाल बहादुर ने किसान तक से बातचीत में बताया कि वह नीलगाय की वजह से बेहद परेशान थे. वह अपने बाग में पौधे लगाते थे. जिन्हें नीलगाय खा जाया करते थे. कई बार तो ट्री गार्ड तोड़कर भी नीलगाय ने पौधों को नष्ट कर दिया. इसके बाद उन्होंने एक नई तकनीक इजाद की. इस तकनीक से उनके पौधे सुरक्षित हैं.

शाहजहांपुर के विकासखंड क्षेत्र खुदागंज के रहने वाले किसान लाल बहादुर
शाहजहांपुर के विकासखंड क्षेत्र खुदागंज के रहने वाले किसान लाल बहादुर

लाल बहादुर ने बताया कि उन्होंने पौधे लगाने के बाद उनकी जड़ से चारों ओर एक-एक मीटर जगह छोड़ने के बाद 2 फीट चौड़ा और करीब दो फीट गहरा गड्ढा बना दिया. गड्ढे से निकली हुई मिट्टी पेड़ के चारों ओर मेड़ का आकार देकर छोड़ दी. यह ट्रिक अपनाने से अब नीलगाय उनके खेत में नहीं आते हैं और उनके पौधे सुरक्षित रहते हैं. खास बात यह है कि इस तकनीक को अपनाने में किसी तरह का कोई खर्च नहीं आता. किसान खुद ही फावड़े से गड्ढा बना सकते हैं.

उनका कहना है कि नीलगाय जब पेड़ को खाने के लिए आगे बढ़ता है. तो उसके अगले पैर 2 फीट गहरे गड्ढे में चले जाते हैं. पेड़ की ऊंचाई नीलगाय के शरीर से ज्यादा हो जाती है. ऐसे में नीलगाय गर्दन ऊपर उठाकर पेड़ को नहीं खा सकता. क्योंकि नीलगाय की गर्दन धड़ से ऊपर की ओर नहीं मुड़ती. ऐसे में पौधा सुरक्षित रहता है.

शाहजहांपुर के एक किसान ने निकाली निंजा टेक्निक
शाहजहांपुर के एक किसान ने निकाली निंजा टेक्निक

नीलगाय के आतंक से बचने के लिए आप कई अन्य टिप्स भी अपना सकते हैं. इसमें आप अपनी फसलों पर चार किलो मट्ठे में छिला हुआ प्याज, बालू के साथ मिलाकर अपनी फसलों पर छिड़काव करें. इस घोल के गंध से नीलगाय आपके खेतों के आसपास भी नहीं आएगी. इसके अलावा लहसुन से बने पेस्ट को भी आप खेतों में छिड़क सकते हैं. लहसुन के गंध से भी नीलगाय खेतों में नहीं आती है. साथ ही आप अपने खेतों के मेंड़ पर करौंदा, तुलसी, मेथा या फिर लेमन ग्रास का पौधा लगा सकते हैं. इन पौधों के सुगंध से नीलगाय आपके खेतों में नहीं घुसेगी. इन सभी उपायों से आप अपनी फसलों को नीलगाय के आतंक से बचा सकते हैं.