Cattle Farming: दूध दुहने की भी है खास कला, इस तरीके से निकालें दूध तो बढ़ेगा उत्पादन
गाय और भैंस के थन की बनावट ऐसी होती है कि जब वह भर जाता है तब भी वह अपने आप दूध नहीं गिराता. ऐसे में अगर आपका डेयरी का व्यवसाय है और आप गाय या भैंस से अधिक दूध उत्पादन चाहते हैं तो सही आहार के साथ-साथ आपको दूध दुहने का भी सही तरीका आना बहुत जरूरी है.
दूध दुहना यानी निकाला भी एक कला है. अगर दूध को सही तरीके से दुहा जाए तो दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. गाय और भैंस के थन की बनावट ऐसी होती है कि जब वह भर जाता है तब भी वह अपने आप दूध नहीं गिराता. ऐसे में अगर आपका डेयरी का बिजनेस है और आप गाय या भैंस से अधिक दूध उत्पादन चाहते हैं तो सही आहार के साथ-साथ आपको दूध दुहने का भी सही तरीका आना बहुत जरूरी है.
दूध दुहने का सही तरीका
दूध दुहने का समय निश्चित करें और उसी समय गायों या भैंसों से दूध दुहें.
जो गायें अधिक दूध देती हैं, उनसे तीन बार दूध दुहें.
दूध दुहने से पहले गाय को सहलाकर शांत करें. गाय को पीटने या परेशान करने से दूध सूख जाता है.
जितना कम समय में संभव हो गाय से दूध दुहें. अधिक समय लेने से दूध की नस सिकुड़ जाती है और दूध पूरी तरह नहीं निकल पाता.
गाय से दूध दुहने वाले व्यक्ति को अपने नाखून छोटे-छोटे रखने चाहिए ताकि पशुओं को दूध निकलते समय परेशानी न हो.
दूध दुहने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धो लें.
दूध दुहते समय थन के बीच में अपनी उंगली न रखें. इससे स्तन में सूजन हो सकता है.
दूध दुहने के बाद दूध की आखिरी बूंद भी हिलाकर निकाल दें.
थन को पानी से धोकर साफ कपड़े से पोंछ लें.
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि अगर दूध दुहते समय शांत, सुंदर वातावरण और मधुर धीमी आवाज़ बनाई जाए तो दूध का उत्पादन बढ़ता है.