अभी कुछ महीने पहले ही डॉ. इन्द्रजीत सिंह गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (GADVASU), लुधियाना में वाइस चांसलर (VC) के पद से रिटायर हुए थे. और अब उन्हें बिहार में नई जिम्मेदारी मिल गई है. उन्हें बिहार एनीमल साइंस यूनिवर्सिटी, पटना का वीसी बनाया गया है. बिहार के सीएम नीतिश कुमार के प्रस्ताव पर बिहार के गर्वनर आरिफ मोहम्मद खान ने उनके नाम पर मुहर लगाई है. इससे पहले डॉ. सिंह हिसार में बफैलो रिसर्च सेंटर के डॉयरेक्टर भी रह चुके हैं. पशुपालन विभाग, पंजाब में भी डॉयरेक्टर के पद पर रह चुके हैं.
जानकारों की मानें तो डॉ. इन्द्रजीत सिंह 30 साल से भी ज्यादा वक्त से वेटरनरी, एनीमल साइंस और पशुपालन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार से पशु चिकित्सा विज्ञान, पशुपालन में स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल की है. इतना ही नहीं यूके की लिवरपूल यूनिवर्सिटी से पशु प्रजनन में पीएचडी की डिग्री हासिल की है.
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गडवासु में वीसी के पद पर रहते हुए डॉ. इन्द्रजीत सिंह को विशेष पशु चिकित्सक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. साल 2023 में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा दिया गया था. डॉ इंद्रजीत सिंह को यह सम्मान गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी और पशुपालन विभाग, पंजाब के लिए उनकी सेवा का उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया था. डॉ. सिंह को देश ही नहीं विदेशों में भी कई सम्मान मिले हैं. पशुपालन से जुड़े विषयों पर भी राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग संस्थानों की ओर से उन्हें अक्सर बुलाया जाता है.
डॉ. इंद्रजीत सिंह इंडियन सोसायटी फॉर बफैलो डेवलपमेंट (आईएसबीडी) में प्रधान के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उन्हें सोसाइटी में प्रधान के तौर पर चुना गया था. अगर गडवासु की बात करें तो वहां भी कुत्तों के लिए ब्लड बैंक की स्थापना और गाय-भैंस के डोप टेस्ट का सिस्टम शुरू कराया था.
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