Animal Disease: जैसलमेर में फिर असर दिखाने लगी पशुओं की ये जानलेवा बीमारी, पढ़ें डिटेल 

Animal Disease: जैसलमेर में फिर असर दिखाने लगी पशुओं की ये जानलेवा बीमारी, पढ़ें डिटेल 

मार्च में ही कर्रा बीमारी से जैसलमेर में 36 पशुओं और फलौदी इलाके में दो पशुओं की मौत हो चुकी थी. पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा और फलौदी जिलों के जिलाधि‍कारियों से भी बात की थी, फिर भी अप्रैल में कर्रा बीमारी तेज से फैल रही है. 

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Animal Disease: जैसलमेर में फिर असर दिखाने लगी पशुओं की ये जानलेवा बीमारी, पढ़ें डिटेल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गर्मी का मौसम शुरू होते ही राजस्थान में कर्रा बीमारी का डर सताने लगता है. खासतौर से जैसलमेर और उससे लगे इलाकों में इस बीमारी का ज्यादा असर दिखने लगता है. कर्रा बीमारी की रोकथाम के लिए गर्मी का मौसम शुरू होते ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं, बावजूद इसके कर्रा बीमारी ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. जैसलमेर में बड़ी संख्या में गाय इस बीमारी की चपेट में आना शुरू हो गए हैं. जानकारों की मानें तो कर्रा बीमारी के चलते लगातार गायों की मौत हो रही है. 

हालांकि कर्रा के संबंध में राजस्थान के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत अलर्ट करते हुए तैयारियां करने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद भी कर्रा बीमारी के चलते पशुओं की मौत हो रही है. हालांकि इस मामले में 22 मार्च को उन्होंने एक बैठक भी की थी. कुछ पशुओं की मौत के बाद ये जरूरी बैठक बुलाई गई थी.

मरे पशुओं के चलते ऐसे फैलता है कर्रा रोग 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जब पशु को खुराक में जरूरत के हिसाब से कैल्सियम और फास्फोरस नहीं मिलता है तो उसके शरीर में इसकी कमी होने लगती है. इस कमी को पूरा करने के लिए पशु खुद से ही कोशि‍श करता है. इसी कोशि‍श के चलते वो मरे हुए पशु की हड्डी को चाटने और खाने लगता है. ऐसा करने से मरे हुए पशुओं की हड्डियों से बोचुलिजम रोग के कीटाणु हेल्दी पशुओं में आ जाते हैं. इसीलिए पशुपालकों को ये सलाह दी जाती है कि वो अपने पशुओं को कैल्सियम और फॉस्फोरस वाला आहार खिलाएं. पशुपालन मंत्री ने अफसरों को ये निर्देश भी दिए हैं कि वो गांवों में मरे हुए पशुओं के शवों का ठीक तरह से निस्तारण कराएं जिससे हेल्दी पशु उन न पहुंच सकें.

गायों को ऐसे खि‍लाएं चारा और दाना मिक्सचर 

फीड और फोडर एक्सपर्ट का कहना है कि दाना मिक्सचर को चारे के साथ अच्छी तरह मिलाकर खिलाने से कम गुणवत्ता और कम स्वाद वाले चारे की भी खपत बढ़ जाती है. इसके चलते चारे की बरबादी नहीं होती है. क्योंकि गाय चुन-चुन कर खाने की आदत के कारण बहुत सारा चारा खाने के दौरान बरबाद कर देती है. एकसपर्ट का कहना है कि गाय को दाना मिक्सचर खि‍लाने से पहले उसे अच्छी तरह से पीस लेना चाहिए. क्योंकि अगर साबुत दाना मिक्सचर गाय को खाने में दिया तो वो गोबर के साथ निकल जाता है. इसलिए ठीक तरह से पिसा दाना मिक्सचर ही गाय को खि‍लाना चाहिए. क्योंकि खराब तरह से पिसा दाना मिक्सचर गाय को पचता भी नहीं है. गाय को खिलाने से पहले दाना मिक्सचर को भिगोने से वह और स्वादिष्ट-पाचक हो जाता है.

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