KCC: आप पशुपालक हैं तो 31 दिसंबर तक बनवा लें अपना किसान क्रेडिट कार्ड

KCC: आप पशुपालक हैं तो 31 दिसंबर तक बनवा लें अपना किसान क्रेडिट कार्ड

इसके अलावा, पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जो गाय, बकरी, भैंस और मछली पालन के कार्य में लगे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं पशु किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम क्या है, गाय या भैंस खरीदने पर कितना मिलेगा लोन, पशु किसान क्रेडिट कार्ड के लिए कैसे करना होगा आवेदन.

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KCC: आप पशुपालक हैं तो 31 दिसंबर तक बनवा लें अपना किसान क्रेडिट कार्डThe dead bodies of cows have also started to decompose which has resulted in the release of foul smell in the area. (Representational Image/file)

आप पशुपालक हैं, गाय-भैंस, भेड़-बकरी, ऊंट और मछली आदि का पालन करते हैं तो ये खास खबर आपके लिए हैं. अगर आपने अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) नहीं बनवाया है तो अभी फौरन बनवा लें. खेती करने वाले किसानों की तरह से पशुपालक करने वालों के भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं. मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय पशुपालकों के ये कार्ड बना रहा है. 31 दिसंबर 2023 तक आप भी अपना केसीसी बनवा सकते हैं, इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक अभियान के तहत घर-घर जाकर पशुपालकों के केसीसी बनाए जा रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्र में कृषि के बाद डेयरी बिजनेस को आमदनी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है. वहीं पिछले कुछ दशक में डेयरी बिजनेस में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. यही वजह है कि केंद्र सरकार व राज्य सरकारें किसानों को पशुपालन से जुड़े बिजनेस को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही हैं. इसी कड़ी में केन्द्र सरकार ने पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की है. इस कार्ड का मकसद पशुपालन करने वाले किसानों के बिजनेस को विस्तार में मदद करना है. 

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केसीसी के लिए ऐसे करना होगा आवेदन 

31 दिसम्बैर 2023 तक संबंधित टीम घर-घर जाकर केसीसी बनाने का काम कर रही है. अगर टीम आपके दरवाजे पर नहीं आती है तो आप अपने नजदीकी बैंक में भी जा सकते हैं. इसके लिए बैंक में आवेदन फॉर्म मिलेगा. फार्म को भरकर वहीं जमा कर दें. केवाईसी के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होंगे.

अगर बैंक आपके घर से दूर है तो आप सीएससी केंद्र पर जाकर भी इस फार्म को ऑनलाइन भर सकते हैं. जब पूरी तरह से भरा हुआ फार्म कर देंगे तो फिर फार्म के साथ जमा किए गए दस्तावेजों की जांच होगी. अगर आपके दस्ता वेज सही पाए जाते हैं और जांच में ये मान लिया जाता है कि आप वाकई में पशुपालक हैं तो 30 दिन के अंदर आपको केसीसी मिल जाएगा.

घुमंतू जाति के पशुपालकों को भी मिलेगा केसीसी 

घुमंतू जाति के लोगों को भी भेड़-बकरी समेत सभी तरह के पशुओं के लिए केसीसी की सुविधा दी जाएगी. पशुपालकों को इस कार्ड का फायदा ठीक उसी तरह से मिलेगा जैसे किसानों को दिया जा रहा है. इस कार्ड से घुमंतू जाति को पशुपालन मंत्रालय की ओर से जारी सभी योजनाओं का फायदा भी मिलता रहेगा. इसके लिए सरकार ने घुमंतू जाति प्रकोष्ठ का गठन किया है. इस योजना को लेकर मंत्रालय इस समुदाय के साथ सितम्बर 2022 में आनलाइन और जनवरी 2023 में फिजिकल मीटिंग भी कर चुका है. 

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12 राज्यों से मांगी गई है घुमंतू जाति की जानकारी 

पशुपालन मंत्रालय ने देश के करीब 12 राज्यों को पत्र लिखा है. मंत्रालय ने पत्र के माध्यम से घुमंतू जाति के बारे में जानकारी मांगी हैं. जिन राज्यों से जानकारी मांगी गई है उसमे यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, ओड़िशा, आंध्रा प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं. मंत्रालय के मुताबिक राज्यों से घुमंतू जाति की आबादी के बारे में जानकारी, उनकी संख्या, उनके पास कौन-कौन से पशु हैं,

पशुओं की संख्या, सर्वे के दौरान जहां रह रहे हैं उस रोड का नाम, अनुमानित उत्पादन, बिक्री का तरीका, अगर किसी योजना का फायदा ले रहे हैं तो उसकी जानकारी. मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अभी सिर्फ उत्तराखंड, लद्दाख, राजस्थान, हिमाचल, कर्नाटक, सिक्किम और जम्मू-कश्मीर राज्यो ने खानाबदोश समुदाय के बारे में जानकारी दी है, बाकी के राज्यों से अभी आना बाकी है.

 

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