हिमाचल में दूध क्रांति की शुरुआत, किसानों को सालाना 18 करोड़ रुपये का लाभ

हिमाचल में दूध क्रांति की शुरुआत, किसानों को सालाना 18 करोड़ रुपये का लाभ

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 'दूध प्रोत्साहन योजना' शुरू की, जिसमें किसानों को ₹3 प्रति लीटर प्रोत्साहन और ₹3 प्रति लीटर परिवहन सब्सिडी मिलेगी. जानिए कैसे ये योजना किसानों की आमदनी बढ़ाएगी.

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हिमाचल में दूध क्रांति की शुरुआत, किसानों को सालाना 18 करोड़ रुपये का लाभहिमाचल में दूध क्रांति की शुरुआत (सांकेतिक फोटो)

हिमाचल सरकार ने जून 2025 में एक अभियान चलाकर दूध समितियों का गठन शुरू किया था. अब तक 320 दुग्ध सहकारी समितियों का गठन हो चुका है. सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत में एक समिति बनाई जाए जहाँ दूध उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं.

अर्की में खुलेगा नया दूध प्रोसेसिंग प्लांट

मुख्यमंत्री ने अर्की में एक नया दूध प्रसंस्करण यूनिट (Milk Processing Unit) खोलने की घोषणा की है, जिससे स्थानीय स्तर पर दूध का बेहतर उपयोग और मूल्य संवर्धन हो सकेगा.

ट्रक ऑपरेटरों के लिए भी राहत

राज्य सरकार डीजल ट्रकों को इलेक्ट्रिक ट्रकों में बदलने के लिए 40% सब्सिडी देने की योजना पर भी काम कर रही है. यह योजना खासकर डरलगाट और बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों के लिए लाभदायक होगी.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मकई, गेहूं, जौ और कच्ची हल्दी भी खरीद रही है. इसके साथ ही गौमूत्र ₹3 प्रति किलो दर पर खरीदा जा रहा है, जो जैविक खेती को बढ़ावा देगा.

पशु चिकित्सा सेवाएं अब आपके दरवाजे तक

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि अब अगर किसान पशु चिकित्सालय नहीं जा सकते तो डॉक्टर खुद किसानों के पास जाकर पशुओं का इलाज करेंगे. इसके लिए 3-4 पंचायतों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया जाएगा.

महिलाओं को मिला सशक्तिकरण का अवसर

कमधेनु समितियों की महिला सदस्य अब आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. सरकार ने अर्की में राजीव गांधी वन सम्वर्धन योजना के तहत 8 स्वयं सहायता समूहों को ₹28.80 लाख और 10 प्रगतिशील दुग्ध उत्पादकों को ₹34.20 लाख की सहायता दी.

आने वाले समय में और योजनाएं

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “आज यह सिर्फ शुरुआत है, आगे किसानों को और भी ज्यादा लाभ मिलेगा. मैं खुद गांव से हूं, किसानों की तकलीफों को अच्छी तरह समझता हूं.” सरकार एक नई योजना पर भी काम कर रही है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी.

हिमाचल सरकार की ये नई योजनाएं राज्य के दुग्ध उत्पादकों, ट्रक ऑपरेटरों और ग्रामीण समुदाय के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर आई हैं. इन पहलों से ना केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में दूध उद्योग को भी नया जीवन मिलेगा.

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