Goat Milk Production मीट के साथ ही अब दूध के लिए भी बकरियों की डिमांड होने लगी है. बेशक कुछ खास मौकों पर बकरी के दूध की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन आम दिनों में भी धीरे-धीरे बकरी के दूध की डिमांड बढ़ने लगी है. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल डेढ़ से दो फीसद तक बकरियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. बीते छह साल में ही दूध उत्पादन के आंकड़े में भी उछाल आया है. दूध 80 लाख टन से भी ज्यादा पर पहुंच गया है. देश में एक लीटर से लेकर पांच लीटर तक रोजाना दूध देने वाली बकरियों की नस्ल भी मौजूद है.
मीट के साथ दूध की डिमांड बढ़ने के चलते ही बकरी पालन अब और ज्यादा मुनाफे वाला कारोबार बन गया है. देश में रोजाना 750 ग्राम दूध से लेकर पांच लीटर तक दूध देने वाली बकरियों की नस्ल मौजूद हैं. लेकिन जरूरत इस बात को जानने की भी है कि किस इलाके के वातावरण में किस नस्ल की बकरी ज्यादा से ज्यादा दूध देगी और उसे पालन में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी.
गोट एक्सपर्ट की मानें तो यूपी, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में बकरियों की दर्जनों नस्ल पाई जाती हैं. लेकिन जो खास नस्ल सबसे ज्यादा डिमांड में रहती हैं और खासतौर पर मीट के साथ ही दूध के लिए भी पाली जाती हैं उसमे सिरोही की संख्या (19.50 लाख), मारवाड़ी (50 लाख), जखराना (6.5 लाख), बीटल (12 लाख), बरबरी (47 लाख), तोतापरी, जमनापारी (25.50 लाख), मेहसाणा (4.25 लाख), सुरती, कच्छी, गोहिलवाणी (2.90 लाख) और झालावाणी (चार लाख) नस्ल के बकरे और बकरी हैं. यह सभी नस्ल, खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के सूखे इलाकों में पाई जाती हैं.
ऊपर बताई गईं बकरियों की नस्ल पर बात करें तो इसमे से बीटल को छोड़कर बाकी सभी नस्ल की बकरियां 750 ग्राम से लेकर 1.5 लीटर तक दूध देती हैं. अगर इनकी कीमत की बात करें तो पहली ब्यात (पहला बच्चा देने) के बाद इनकी कीमत 15 से 20 हजार रुपये होती है. खासतौर पर दूध देने वाली बकरी की कीमत उसकी ब्यात यानि पहला बच्चा कब दिया या दूसरा और तीसरा बच्चा के साथ ही दूध की मात्रा पर निर्भर करती है.
अब अगर बीटल बकरी की बात करें तो पहली ब्यात की बीटल बकरी 20 से 25 हजार रुपये तक में मिलती है. क्योंकि बकरियों में बीटल ही ऐसी नस्ल है जो सबसे ज्यादा पांच लीटर तक दूध देती है. दूध देने के मामले में नीदरलैंड से आई एनीमल एक्सपर्ट की टीम भी बीटल बकरी की पीठ थपथपा चुकी है. ये खासतौर पर पंजाब की नस्ल है.
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