Animal Care: बदलते मौसम के लिए ऐसे करें शेड-चारा, वैक्सीनेशन की तैयारियां, हेल्दी रहेगा पशु, बढ़ेगा मुनाफा Animal Care: बदलते मौसम के लिए ऐसे करें शेड-चारा, वैक्सीनेशन की तैयारियां, हेल्दी रहेगा पशु, बढ़ेगा मुनाफा
Animal Care in Rainy Season बदलते मौसम यानि मॉनसून के दौरान गलघोंटू समेत वायरल बीमारियों से पशुओं को बचाना है तो एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक बरसात में पशुपालन करने से आर्थिक नुकसान तो कम होगा ही साथ में पशुओं की जान भी नहीं जाएगी. वहीं पशुओं को बरसात के दिनों में भरपूर हरा चारा भी खिलाया जा सकेगा.
गर्मियों में ऐसे रखें भैंसों का ख्यालनासिर हुसैन - NEW DELHI,
- Jun 12, 2025,
- Updated Jun 12, 2025, 1:00 PM IST
Animal Care in Rainy Season मॉनसून के मौसम में पशुओं को खिलाने के लिए चारों ओर हरा चारा खूब होता है. खेतों में भी और चारागाहों में भी. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट के मुातबिक बरसात के दिनों में होने वाले हरे चारे को सीधे पशुओं को नहीं खिलाया जा सकता है. ऐसा करने से पशुओं को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसमे होने वाली सबसे आम बीमारी है अफरा. अफरा के दौरान पशु का पेट खराब हो जाता है. पशु को भूख नहीं लगती है और पशु का दूध उत्पादन भी गिर जाता है. इतना ही नहीं बहुत सारी वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां भी इसी दौरान पशुओं को अपनी चपेट में ले लेती हैं. अगर बात गलघोंटू बीमारी की करें तो ये भी बरसात के दिनों में ही होती है.
इस सब के चलते पशुपालन की लागत बढ़ जाती है और पशुपालक को नुकसान होना शुरू हो जाता है. सेंट्रल बफैलो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के पूर्व सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह का कहना है कि बरसात में पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए उनका वैक्सीनेशन कराना बहुत जरूरी होता है. खासतौर पर खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू का वैक्सीन जरूर लगवाएं. पेट के कीड़ों की दवाई खिलवाएं. ऐसा करने से पशु बीमार नहीं पड़ेंगे. साथ ही शेड और चारे का भी खास ख्याल रखें.
बरसात के लिए ऐसे तैयार करें पशुओं का शेड
डॉ. सज्जन सिंह का कहना है कि बरसात के दौरान शेड की देखभाल बहुत जरूरी होती है. क्योंकि सबसे ज्यादा बीमारी शेड में ही पनपती है. अगर हर रोज शेड की साफ-सफाई ठीक से कर ली जाए तो पशुओं को होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है.
- पशु शेड ऊंची जगह पर बना हो जहां पानी ना भरता हो.
- शेड में हवा आने-जाने के लिए रोशनदान जरूर बने हों.
- पशुओं के नीचे मेटिंग बिछाएं. फर्श को गीला ना रखें.
- ढलान ऐसा हो कि गाय-भैंस का गोबर और मूत्र नाली में चला जाए.
- शेड में दवा का छिड़काव करें जिससे मच्छर-मक्खी ना आएं.
- शेड से मच्छर-मक्खी भगाने को पंखे-कूलर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- मच्छर-मक्खी से बचाने के लिए खुले में पशुओं के आसपास धुआं करें.
- जब तक शेड के अंदर रोशनदान ना हों धुआं ना करें.
पशुओं को चारा खिलाने से पहले करें ये काम
- बरसात में पशुओं को 60:40 के हिसाब से सूखा और हरा चारा खिलाएं.
- हरे और सूखे चारे के साथ मिनरल मिक्चर खाने में जरूर दें.
- हरे चारे को ताजा ना खिलाएं, थोड़ी देर सुखाकर फिर खिलाएं.
- हरे चारे की पत्तिनयों पर कीड़े-मकोड़ों के अंडे होते हैं, इसलिए उसे झाड़कर खिलाएं.
- सिर्फ हरा चारा खिलाने से पशु को दस्त और अफरा की शिकायत हो सकती है.
- दूध की क्वालिटी सुधारने के लिए तीनों तरह की खुराक देना जरूरी है.
ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभिन पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स
ये भी पढ़ें- Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे