Animal Care: पशुओं के बाड़े में आज ही शुरू कर दें ये काम, बीमारी नहीं आएगी पास

Animal Care: पशुओं के बाड़े में आज ही शुरू कर दें ये काम, बीमारी नहीं आएगी पास

Animal Care in Monsoon नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) के तहत जारी होने वाले टिप्स पशुपालकों के लिए इसलिए भी खास हो जाते हैं, क्योंकि इन्हें अपनाकर वो अपने पशुओं को तो बचाते ही हैं, साथ में अपनी जिंदगी को भी सुराक्षि‍त रखते हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो साइंटीफिक तरीके से किया गया पशुपालन पशुओं के साथ-साथ इंसानों को भी पशुओं की बीमारी से सुरक्षित रखता है. 

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Animal Care: पशुओं के बाड़े में आज ही शुरू कर दें ये काम, बीमारी नहीं आएगी पासपशुओं के लिए रबर मैट

Animal Care in Monsoon जागरुकता नहीं होने के चलते अभी तक पशुओं की बीमारियों को गंभीरता से नहीं लिया जाता था. शायद इसी वजह से पशुपालकों को आर्थिक और पशुओं की हानि उठानी पड़ती थी. इतना ही नहीं पशुओं से इंसानों को भी बीमारियां हो जाती थीं. इसी के चलते अब पशुपालन मंत्रालय नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) चला रहा है. इस मिशन की खास बात ये है कि NOHM सिर्फ पशु ही नहीं हयूमन (इंसान) हैल्थ से भी जोड़ा गया है. एक्सपर्ट का मानना है कि जूनोटिक डिजीज से इंसान और पशु दोनों ही प्रभावित होते हैं. 

गौरतलब रहे पशुओं से इंसानों को होने वाली बीमारियों को जूनोटिक डिजीज कहा जाता है. NOHM शुरू करने का खास मकसद पशु और इंसानों दोनों को ही हर छोटी-बड़ी बीमारी से बचाना है. इसीलिए पशुपालन से जुड़े टिप्स समय-समय पर जारी किए जाते हैं. टिप्स में बायो सिक्योरिटी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, वहीं पशुओं को बीमारी से बचाने को साइंटीफिक तरीके से पशु पालन करने की हिदायत दी जाती है. 

ये टिप्स अपनाए तो बाड़े में नहीं आएंगी बीमारियां 

पशुपालन मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो वन हैल्थ मिशन के तहत एनीमल फार्म पर बॉयो सिक्योरिटी बहुत जरूरी है. कोरोना जैसी बीमारी फैलने के बाद से तो इसकी जरूरत और ज्यादा महसूस की जाने लगी है.  

  • सबसे पहले अपने एनीमल फार्म की बाड़बंदी कराएं. 
  • बाड़बंदी होने से सड़क पर घूमने वाला जानवर फार्म में नहीं घुसेगा. 
  • फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव कराएं. 
  • हैंड सेनेटाइज में काम आने वाली दवा फार्म पर रखें.
  • फार्म में बाहर से आने वाले व्यक्ति के जूते बाहर ही उतरवाएं.
  • जूते फार्म के बाहर उतरवा नहीं सकते तो उन्हें सेनेटाइज करें. 
  • आने वाले के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं. 
  • पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं. 
  • फार्म पर नए आने वाले पशु को कम से कम 15 दिन अलग रखें. 
  • छोटे बच्चे, बीमार, गर्भवती, हेल्दी और दूध देने वाले पशुओं को अलग रखें. 
  • बदलते मौसम के हिसाब से बाड़े में पशुओं का रखरखाव रखें. 
  • बरसात के मौसम में पशुओं को खासतौर पर मच्छर-मक्खियों के प्रकोप से बचाएं.

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