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UP News: लखनऊ में गो-संरक्षण केंद्र के संचालन के लिए करें आवेदन, पशुपालकों की बढ़ेगी इनकम, जानें नियम!

UP News: लखनऊ में गो-संरक्षण केंद्र के संचालन के लिए करें आवेदन, पशुपालकों की बढ़ेगी इनकम, जानें नियम!

डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि एक गायों के संरक्षण के लिए पशुपालकों को 50 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा. वहीं  गो-संरक्षण केंद्र में गायों का चारा से लेकर सभी प्रकार के खर्चे उसे खुद उठाया पड़ेगा.

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गौ संरक्षण केंद्र निराश्रित गौ वंश के साथ बेरोजगार ग्रामीणों का भी सहारा बनेंगे. (Photo-Kisan Tak) गौ संरक्षण केंद्र निराश्रित गौ वंश के साथ बेरोजगार ग्रामीणों का भी सहारा बनेंगे. (Photo-Kisan Tak)

Cow Conservation Centers: गौ संरक्षण केंद्रों को योगी सरकार ग्रामीण रोजगार का बड़ा जरिया बनाने जा रही है. राज्‍य सरकार ने इसके लिए योजना तैयार कर ली है. इसी कड़ी में प्रदेश भर के 5 हजार से ज्‍यादा गौ संरक्षण केंद्रों में स्‍थानीय लोगों की सहभागिता बढ़ाकर उन्‍हें रोजगार से जोड़ा जाएगा. मामले लखनऊ के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का नाम डॉ. सुरेश कुमार ने इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में बताया कि जनपद लखनऊ में स्थित समस्त स्वयं सेवी संस्थाओं एवं इच्छुक व्यक्तियों का जनपद लखनऊ के विकासखण्ड बक्शी का तालाब की ग्राम पंचायत बाजपुर गंगौरा में नवनिर्मित वृहद गोसंरक्षण केंद्र के संचालन सुनिश्चित करने हेतु चयन किया जाना है. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत बाजपुर गंगौरा में नव निर्मित  गो-संरक्षण केंद्र में 500 गोवंशों को संरक्षण करने के लिए किसान, पशुपालकों और एनजीओ द्वारा संचालन करने के आवेदन निकाले गए है. इसके तहत इच्छुक व्यक्ति अपना आवेदन भरकर 29 फरवरी 2024 शाम 4 बजे तक लखनऊ के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा करना होगा.

डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि एक गायों के संरक्षण के लिए पशुपालकों को 50 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा. वहीं  गो-संरक्षण केंद्र में गायों का चारा से लेकर सभी प्रकार के खर्चे उसे खुद उठाया पड़ेगा. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने आगे बताया कि गाय के गोबर से बनने वाली कम्पोस्ट खाद जरिए किसानों की आमदनी होगी. उन्होंने बताया कि जांच के बाद गौ वंश सहभागिता योजना के अंतर्गत पात्रों को आंवटित कर दिए जाएंगे. गौ संरक्षण केंद्र निराश्रित गौ वंश के साथ बेरोजगार ग्रामीणों का भी सहारा बनेंगे.

जानिए नियम और शर्ते?

1. यह कि वृहद गोसंरक्षण केंद्र बाजपुर गंगौरा में लगभग 500 निराश्रित/ बेसहारा गोवंशों का भरण-पोषण एवं संचालन का उत्तरदायित्व शत-प्रतिशत सुनिश्चित करना होगा.

2. चयनित स्वयं सेवी संस्थाओं एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा अपने संसाधनों, जनसहयोग से गोसेवकों तथा गोवंश के भरण-पोषण की पूर्ण व्यवस्थाओं पर होने वाले व्यय का वहन सुनिश्चित करेगी.

3. वृहद गोसंरक्षण केंद्र में रखे गये गोवंशों द्वारा उत्पादित गौ मूत्र एवं गोबर द्वारा औषधि आदि समस्त प्रकार के उत्पाद तैयार कराकर लाभ प्राप्त किया जाना है.

4. आश्रय स्थल में रखे गये गोवंशों द्वारा उत्पादित अनुपयुक्त अवशेष गोबर कम्पोस्ट द्वारा जैविक कृषि/बागवानी को बढ़ावा देने में लाभ प्राप्त किये जाने की कार्यवाही करना.

5. आश्रय स्थल में पंचगव्य पदार्थो आदि का निर्माण कर बायोगॅस प्लांट आदि स्थापित कर अतिरिक्त आय सृजित करना.

6. स्वयं सेवा संस्थायें एवं इच्छुक व्यक्ति अपना भरा हुआ आवेदन पत्र दिनांक 29.02.2024 तक समय- 4:00 बजे तक मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विकास भवन, लखनऊ के कार्यालय में जमा करें.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि तीनों श्रेणियों में प्राथमिकता के आधार पर गणना कराई जाए. इसके बाद इसकी जियो टैगिंग की जाए. पहले चरण में इन गोवंशों की गणना कराई जाएगी. इसके बाद अगले चरण में इनसे जुड़ी कार्ययोजना बनाकर उस पर कार्य होगा, जिससे गोवंश को समुचित स्थान मिले. सरकार कान्हा उपवन के जरिए गोवंश का संरक्षण कर रही है, लेकिन सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों का भी संवर्धन हो और इनकी वजह से आमजन-किसानों को परेशानी न हो। इस पर भी योगी सरकार का पूरा ध्यान है. 

यूपी में अबतक 11.89 लाख गोवंश संरक्षित

योगी सरकार की तरफ से निराश्रित गोवंश संरक्षण की दिशा में सतत प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान में 6889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं. इनके साथ-साथ गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना के भी अच्छे परिणाम मिले हैं. अब तक 1.85 लाख से अधिक गोवंश इस योजना के तहत गो-सेवकों को सुपुर्द किए गए हैं. निराश्रित गोवंश स्थलों तथा गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान में 30 रुपये प्रति गोवंश की दर से उपलब्ध कराई जा रही धनराशि बढ़ाकर 50 रुपये प्रति गोवंश की गई. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले योगी सरकार और ज्यादा गौशाला खोलने जा रही है, जिससे छुट्टा जानवर चुनाव में मुद्दा न बने. शहर-शहर अभियान चलाकर सड़कों पर घूम रही गायों को गो आश्रय स्थल पर पहुंचाया जा रहा है. 

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