देश के बड़े राज्यों में सबसे आसानी से और सस्ता मिलने वाला नाश्ता आमलेट माना जाता है. दो ब्रेड के बीच एक या दो अंडे का आमलेट रखकर खाया और हो गया नाश्ताा. लेकिन इसके साथ ही यह भी सच है कि अंडा खाने को लेकर हमारे देश में कई तरह के भ्रम हैं. बावजूद इसके विश्व के अंडा उत्पादन में हमारे देश का तीसरा स्थान है. अकेले दक्षिण भारत के तीन राज्यों में देश का 50 फीसद अंडा उत्पादन होता है. खुद की डिमांड पूरी करने के साथ ही यह तीनों राज्य आंध्राप्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू दूसरे राज्यों को भी अंडा सप्लाई करते हैं.
केन्द्रीय मत्सय, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के प्रति व्यक्ति के हिस्से में हर साल 90 अंडे आते हैं. जबकि आंध्रा प्रदेश में प्रति व्यक्ति 475, तेलंगाना 423 और तमिलनाडू में 265 अंडे प्रति व्यक्ति के हिस्से में आते हैं. हालांकि देश का लक्ष्य 180 अंडे प्रति व्यक्ति का है. इसे हासिल करने के लिए नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे सरीखे विज्ञापन भी चला रही है.
केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल देश में करीब 12 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था. इसमे से अकेले 50 फीसद यानि 6 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन सिर्फ तीन राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू में ही हुआ था. रिपोर्ट की मानें तो आंध्रा प्रदेश में 2.5 हजार करोड़ करोड़ यानि 20.45 फीसद अंडे, तेलंगाना में 15 सौ करोड़ 12.98 फीसद और तमिलनाडू में 2 हजार करोड़ 16.49 फीसद अंडों का उत्पादन हुआ था. जबकि देश में अंडों का कुल उत्पादन 12 हजार करोड़ का था.
आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू के बाद 5 फीसद से ज्यादा अंडा उत्पादन करने वाले राज्यों में पश्चिाम बंगाल, कर्नाटक, हरियाणा और महाराष्ट्रा हैं. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिंकी लूथरा के अनुसार देश में 28 करोड़ से ज्यादा मुर्गियां अंडे की डिमांड को पूरा करती हैं. हालांकि ऐसी उम्मीद है कि साल 2025-26 तक अंडा देने वाली मुर्गियों की संख्या 32 से 33 करोड़ तक हो जाएगी.
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