Tick Problem in Monsoon बेशक मॉनसून दुधारू पशुओं को राहत देता है, लेकिन ये भी सच है कि बरसात के इसी मौसम में पशुओं को संक्रमण वाली बीमारियां होती हैं. खासतौर पर टिक वाली बेबेसियोसिस बीमारी. यही वजह है कि एनिमल एक्सपर्ट बरसात के दिनों में गाय-भैंसों को बीमारियों से बचाने के लिए उनकी देखभाल पर बहुत ध्यान देने की बात कहते हैं. उनका कहना है कि हर मौसम में कोई न कोई एक-दो बीमारियां ऐसी हैं जो दुधारू पशुओं के लिए जानलेवा साबित होती हैं. बेबेसियोसिस भी ऐसी ही एक बीमारी है. ये बीमारी खासतौर पर बरसात के दिनों में ज्यादा होती है. इसका संक्रमण गाय-भैंस दोनों पर ही होता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात में इसके ज्यादा फैलने की एक वजह ये भी है कि बेबेसियोसिस को फैलाने वाले पैरासाइट ज्यादा गर्मी और ज्यादा नमी में तेजी से पनपते हैं. इस बीमारी के चलते पशुओं के शरीर में खून की कमी होने लगती है. इतना ही नहीं दूध उत्पादन भी घट जाता है. अगर वक्त रहते इस बीमारी को नहीं पहचाना गया, सही वक्त पर पशुओं को इलाज नहीं मिले तो पशुओं की मौत तक हो जाती है.
गाय-भैंस में होने वाली किलनियों और चीचड़ों से हर एक पशुपालक परेशान रहता है. बेबेसियोसिस बीमारी की वजह भी यही दोनों होते हैं. बेबेसियोसिस की प्रजातियों में बबेसिया बोविस, बेबेसिया मेजर, बेबेसिया बाइजेमिया और बेबेसिया डाईवरजेन्स शामलि हैं. इस बीमारी से दूध उत्पादन का घटना, ग्रोथ में कमी का होना आम है.
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