Animal Winter Care: एनिमल एक्सपर्ट की बताई 15 टिप्स पर किया काम तो सर्दियों में बीमार नहीं होंगी गाय-भैंस 

Animal Winter Care: एनिमल एक्सपर्ट की बताई 15 टिप्स पर किया काम तो सर्दियों में बीमार नहीं होंगी गाय-भैंस 

सर्दियों के मौसम में पशुओं की खास देखभाल और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए ये जरूरी है कि उन्हें हरा चारा देने के तरीके, मिनरल्स में किन चीजों को शामिल करना है, पीने का पानी कैसे और कब देना है, साथ ही दिनभर में खुराक कितनी बार और किस वक्त पर देनी है इसका प्लान बना लिया जाए.  

Advertisement
Animal Winter Care: एनिमल एक्सपर्ट की बताई 15 टिप्स पर किया काम तो सर्दियों में बीमार नहीं होंगी गाय-भैंस सर्दी में गाय-भैंस की ऐसे करें देखभाल. (फाइल फोटो)

पशुपालन की लागत में चारे के बाद बड़ा हिस्सा उनकी बीमारियों पर होने वाला खर्च है. बीमारी छोटी हो या बड़ी उसके चलते पशुपालक को दो तरफा नुकसान होता है. एक तो डॉक्टर और दवाई का खर्च, दूसरा बीमारी के चलते उत्पादन कम हो जाता है. और किसी एक गाय-भैंस के भी बीमार पड़ने पर फार्म की कुल लागत गड़बड़ा जाती है. यही वजह है कि सर्दियों के दो महीने (दिसम्बर-जनवरी) पशुपालन में बहुत खास माने जाते हैं. पशुपालन से जुड़े उत्पादन ही नहीं और भी दूसरे मामलों में ये दो महीने बहुत खास होते हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान सर्दियों का मौसम अपने चरम पर होता है. 

सर्द हवाएं चलने के साथ ही गलन महसूस होने लगती है. रात और सुबह के वक्त ओस की बूंदें भी गिरने लगती हैं. कई-कई दिन तक तो धूप भी नहीं निकलती है. कुछ मौसमी बीमारियां तो पशुओं के लिए जानलेवा भी साबित होती हैं. पशुओं का दूध भी कम हो जाता. लेकिन एक्सपर्ट की सलाह पर कुछ ऐहतियाती कदम उठा लिए जाएं तो आर्थिक नुकसान से बचने के साथ ही हमारे पशु भी हेल्दी रहेंगे.

ये भी पढ़ें: Poultry Chicken: बाजार से कहीं आप मिलावटी मुर्गा तो नहीं खरीद रहे, ऐसे करें पहचान 

दिसम्बर-जनवरी में गाय-भैंस का ऐसे रखें ख्याल 

  • दो महीने कड़ाके की सर्दी पड़ती है, पशुओं को सर्दी से बचाने का इंतजाम कर लें. 
  • सर्दी के मौसम में ज्यादातर भैंस हीट में आती हैं. ऐसा होते ही पशु को गाभिन कराएं. 
  • भैंस बच्चा देने के 60-70 दिन बाद दोबारा हीट में ना आए तो फौरन ही जांच कराएं. 
  • पशुओं को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर दवाई का छिड़काव कराएं. 
  • भैंस को मुर्राह नस्ल के नर से या नजदीकी केन्द्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं. 
  • पशुओं को पेट के कीड़ों से बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाई दें.
  • गाय-भैंस को जल्दी हीट में लाने के लिए मिनरल मिक्चर जरूर खिलाएं. 
  • दुधारू पशुओं को थैनेला रोग से बचाने के लिए डाक्टर की सलाह लें. 
  • ज्यादा हरा चारा लेने के लिए बरसीम की बीएल 10, बीएल 22 और बीएल 42 की बिजाई करें. 
  • बरसीम का ज्यादा चारा लेने के लिए सरसों की चाइनीज कैबिज या जई मिलाकर बिजाई करें.
  • बरसीम के साथ राई मिलाकर बिजाई करने से चारे की पौष्टिकता और उपज दोनों ही बढ़ती हैं.
  • बरसीम की बिजाई नए खेत में कर रहे हैं तो पहले राइजोबियम कल्चर उपचारित जरूर कर लें.
  • जई और बरसीम की बिजाई के लिए ये वक्त ज्यादा अच्छा माना जाता है.  
  • जई का ज्यादा चारा लेने के लिए ओएस 6, ओएल 9 और कैन्ट की बिजाई करें. 
  • बछड़े को बैल बनाने के लिए छह महीने की उम्र पर उसे बधिया करा दें.

ये भी पढ़ें: Poultry India Expo-2024: रेडी टू कुक-रेडी टू ईट बनेगा चिकन प्रोसेसिंग का इंजन, जानें 5 साल में कितना बढ़ेगा प्रोडक्शन

 

POST A COMMENT