राजस्थान में पशुपालन विभाग ने शनिवार 20 मई से प्रदेशभर में लंपी के टीकाकरण अभियान की शुरूआत की. जयपुर की हिंगोनिया गोशाला से टीकाकरण अभियान को शुरू किया गया है. हिंगोनिया में पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल के निर्देशन में बहु उद्देशीय पशु चिकित्सालय में लंपी टीकाकरण अभियान के तहत पहले पशु को टीका लगाया गया. शासन सचिव ने कहा कि "प्रदेश के अंतिम गौवंश तक टीकाकरण कर रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण की कार्यवाही को सुनिश्चित किया जा रहा है. साथ ही अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर गौवंशीय पशुओं की रोग से सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. विभाग प्रदेश के पशुपालकों में रोग से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है.
प्रदेश में 19 मई को ही लंपी के भोपाल भेजे गए सैंपल्स की रिपोर्ट आई थीं. इसमें सारे सैंपल नेगेटिव पाए गए. विभाग ने बीकानेर, अजमेर और जयपुर से करीब 15 सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेट्री भेजे थे. इनमें बीकानेर, अजमेर से चार-चार और जयपुर जिले से सात सैंपल थे. इन जगहों की रिपोर्ट में फिलहाल लंपी के लक्षण नहीं होने की बात सामने आई है.
पशुपालन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने प्रदेश के सभी 33 जिलों में लंपी की वैक्सीन ज्वाइंट डायरेक्टर को भेज दी हैं. उन्हें निर्देशित किया है कि वे गांव-गांव जाकर मवेशियों में लंपी के टीके लगाएं. ताकि समय से ही पशुओं का बचाव बीमारी से किया जा सके.
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पशुपालन विभाग ने कुछ दिन पहले ही 50 लाख पांच हजार वैक्सीन डोज का ऑर्डर किया था. पशुपालन विभाग के डायरेक्टर भवानी सिंह राठौड़ के अनुसार अगले दो-तीन दिन में सारे वैक्सीन डोज जयपुर पहुंच जाएंगे. जो डोज आ चुकी हैं उन्हें प्रदेश के दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है. फिलहाल सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन जयपुर जिले में किया जा रहा है. सारी डोज मिलने पर बाकी जगहों पर भी वैक्सीन आते ही सप्लाई कर दी जाएंगी.
राठौड़ ने कहा कि विभाग अपने स्तर पर लंपी की रोकथाम के सारे प्रयास कर रहा है. हमने सभी जिलों के निदेशालयों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं. भारत सरकार की लंपी पर बनाई गई गाइड लाइन के अनुसार ही पशुपालन विभाग कार्यवाही कर रहा है.
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राजस्थान में 2020 और 2021 में लंपी बीमारी से 76030 मवेशियों की मौत हुई थी. हालांकि मृत पशुओं की असल संख्या इससे कहीं ज्यादा थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यही दर्ज है. इन मृत गोवंश में से सरकार ने 55,586 दुधारू गायों की मौत में लंपी को कारण माना गया है.
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