डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन करते मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री व अन्य फोटोः IPRD, झारखंडझारखंड में गौपालन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश की जा रही है साथ ही राज्य को दूध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्मभर बनाने की पहल की जा रही है. इसी पहल के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पलामू के मेदिनीनगर में दूर डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन किया. पलामू में शुरू हुआ डेयरी प्लांट राज्य का सातवां अत्याधुनिक डेयरी प्लांट है. इसके उद्घाटन क मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह डेयरी यहां के किसानों - पशुपालकों के जीवन में बदलाव लाने में वरदान साबित होगा. क्योंकि किसान आगे बढ़ेगा तभी राज्य और देश भी आगे बढेगा. उन्होने कहा कि राज्य सरकार किसानों- पशुपालकों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकें, इनकी आमदनी में इजाफा हो साथ ही ये बेहतर तरीके से जीवन यापन कर सकें, इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रही है. उन्होंने किसानों पशुपालकों से कहा कि आप सरकार की योजनाओं से जुड़कर इसका लाभ ले और राज्य को भी मजबूती देने में योगदान करें. आप एक कदम आगे बढ़ेंगे तो सरकार आपको चार कदम आगे बढ़कर सहयोग करेगी.
पलामू का मेधा डेयरी प्लांट राज्य का सातवां डेयरी प्लांट है. लगभग 28 करोड रुपए की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक डेयरी प्लांट से लगभग 25 हज़ार किसानों- पशुपालकों को सीधा फायदा होगा. इस डेयरी की वर्तमान में प्रतिदिन 50 हजार लीटर दूध की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की क्षमता होगी, जिसे एक लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकेगा. यहां दूध के स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए चार मिल्क सायलो लगाया गया है. इस डेयरी प्लांट का संचालन झारखंड मिल्क फेडरेशन करेगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हो रहे जलवायु परिवर्तन से हमारी चुनौतियां भी बढ़ रही है. इसका सबसे अधिक प्रभाव कृषि और किसानों पर पड़ रहा है. मौसम में आ रहे इस बदलाव से कहीं बाढ़ आ रहा है तो कहीं सुखाड़ की स्थिति पैदा हो रही है. इस वजह से फसल उत्पादन प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर हम अभी सचेत नहीं हुए तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. ऐसे में वैकल्पिक खेती और इससे जुड़े अन्य कार्यों की दिशा में आगे आगे आना होगा. इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं भी शुरू की है. किसान इन इस योजनाओं से जुड़े और खुद को जलवायु परिवर्तन के बीच खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम में जिस तरह की अनिश्चिता बनी रहती है , उसको देखते हुए सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की है. किसान इस योजना से जुडें और अपनी जमीन में विभिन्न प्रकार के फलदार पेड़ लगाएं. इसके लिए सरकार की ओर से आपको पेड़ लगाने के साथ पेड़ बचाने के लिए भी सरकार आर्थिक मदद कर रही है. इस योजना का लाभ लेकर किसान कृषि के साथ-साथ फलों से भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में किसानों के लिए पशु काफी मायने रखती है. ऐसे में किसानों को पशुधन से समृद्ध करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री पशुधन योजना शुरू की है. इसके तहत 90 प्रतिशत सब्सिडी पर किसानों- पशुपालकों को पशु दिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, पशु शेड के लिए भी सरकार आर्थिक मदद कर रही है. इस योजना का मकसद किसानों को पशुपालन से जोड़कर उनकी आय को बढ़ाना है.
झारखंड में दूध उत्पादन को लेकर हेमंत सोरेन ने कहा राज्य दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने पलामू के पशुपालकों को कहा कि सरकार डेयरी प्लांट खोल सकती है. पशुपालन जितना जितना ज्यादा दूध इस प्लांट को उपलब्ध कराएंगे , उतना ही ज्यादा दुग्ध और दुग्ध उत्पाद यहां तैयार होंगे. इससे ना सिर्फ यह डेयरी प्लांट मजबूत होगा, बल्कि पशुपालकों की भी आमदनी बढ़ेगी. उन्होंने कहा की जरूरत पड़ी तो पलामू में और भी डेयरी प्लांट स्थापित किए जाएंगे.
गौरतलब है कि राज्य सरकार के राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को दूध पर 3 प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि देती है. इसी के तहत यहां के किसानों- पशुपालकों के लिए प्रोत्साहन राशि के तौर पर 21 करोड़ 90 लाख रुपए का चेक राज्य सरकार की तरफ से मेधा डेयरी के एमडी को सौंपा गया.
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