छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि राज्य में Fish Farmers को मछली पालन के लिए बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं रियायती दरों पर अबाध रूप से दिए जाने के कारण मछली पालन से जुड़े किसान बेहतर गुणवत्ता का बीज उत्पादन करने में सक्षम हुए हैं. भूपेश बघेल सरकार की दलील है कि इसके पीछे राज्य में मछली पालन को खेती का दर्जा देने का क्रांतिकारी फैसला मुख्य वजह साबित हुआ है. सरकार का दावा है कि इस वजह से छत्तीसगढ़ मछली के बीज के उत्पादन के मामले में अब आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद 5वां बड़ा राज्य बन गया है.
राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़, देश में मछली के बीज का 5वां सबसे बड़ा उत्पादक राज्य हो गया है. सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में मछली पालन को खेती का दर्जा दिए जाने के बाद मछली के बीज का उत्पादन करने की लागत में काफी कमी आई है.
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राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मछली और मछली के बीज के उत्पादन से लेकर इसकी मार्केटिंग तक, fisheries से जुड़े सभी क्षेत्रों में राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के कारण इन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ लगातार प्रगति कर रहा है. नतीजनत, छत्तीसगढ़ न केवल fish seed supply के मामले में आत्मनिर्भर बना है, बल्कि देश में 5वां बड़ा मछली बीज उत्पादक राज्य बन गया है.
सरकार का दावा है कि पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ में मछली के बीच के उत्पादन में 37 फीसदी का इजाफा हुआ है. राज्य में 5 साल पहले 251 करोड़ रुपये की कीमत के मछली के बीज का उत्पादन हुआ था. यह अब बढ़कर 344 करोड़ रुपये हो गया है.
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राज्य की भूपेश बघेल सरकार का दावा है कि मछली पालन, खासकर मछली के बीज के उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ की उल्लेखनीय प्रगति में राज्य सरकार की fish seed promotion program ने अहम भूमिका निभाई है. राज्य के 5 हजार से ज्यादा fish farmers इस योजना के लाभार्थी के रूप में seasonal ponds में मछली के बीज का उत्पादन कर रहे हैं.
इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 500 fish farmers ने बीज उत्पादन का काम शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ में बीते 5 सालों के दौरान राज्य सरकार द्वारा मछली के बीज की 23 नई हैचरी स्थापित की गई. इसके साथ ही मछली के बीज उत्पादन की राज्य में 92 हेचरी हो गई हैं. इनमें मांग के अनुरूप बेहतर गुणवत्ता के मछली बीज का उत्पादन हो रहा है. छत्तीसगढ़ से मछली के बीज की आपूर्ति पश्चिम बंगाल, झारखंड, यूपी, एमपी, तेलंगाना, केरल और गोवा में भी की जाती है.
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