देसी गाय पर सरकारी अनुदान देने के बाद अब बिहार सरकार समग्र गव्य विकास योजना के तहत सभी तरह के उन्नत नस्ल की गाय और भैंस पर अनुदान देने जा रही है. इसको लेकर विभागीय काम अंतिम पड़ाव की ओर है. इस योजना के माध्यम से बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों, बेरोजगार युवक और युवतियों को डेयरी स्थापित करने के लिए अनुदान देगी. साथ ही बिहार को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम करेगी. पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य विकास निदेशालय की ओर से 2,4,15 और 20 दुधारू मवेशियों की डेयरी स्थापित करने के लिए अनुदान देगी. वहीं इस बार ये योजना सितंबर महीने से आने की उम्मीद है.
ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों के लिए समग्र गव्य विकास योजना स्वरोजगार के क्षेत्र में सुनहरा मौका लेकर आई है. इस योजना के तहत सरकार उन्नत नस्ल के सभी तरह के दुधारू मवेशियों पर 40 से 75 प्रतिशत तक अनुदान देगी. पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो. आफाक आलम ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राज्य के सभी वर्गों के कृषकों, पशुपालकों, बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना है. साथ ही उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करना है ताकि उनका आर्थिक और सामाजिक रूप से उत्थान हो सके.
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पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य विकास निदेशालय के निदेशक संजय कुमार कहते हैं कि समग्र गव्य विकास योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के सभी वर्गों के भूमिहीन, किसान, लघु किसान,सीमांत किसान, गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले किसान सहित शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियों को शामिल किया गया है. वहीं योजना के तहत किसान उन्नत दुधारू मवेशी की खरीद अधिकृत पशु आपूर्तिकर्ता द्वारा राज्य के बाहर से लाए गए उन्नत दुधारू मवेशी बाछी हिफर की खरीदारी क्रय समिति के समक्ष की जाएगी. पशुपालक राज्य के बाहर से भी पशु खरीद सकते हैं. आगे उन्होंने बताया कि चार दुधारू मवेशी या बाछी हिफर डेयरी इकाई स्थापना के लिए पशुपालक के पास करीब 15 डिसमिल और 15-20 दुधारू मवेशी के लिए कम से कम 30 डिसमिल जमीन होनी चाहिए.
समग्र गव्य विकास योजना के तहत उन्नत नस्ल के दो और चार दुधारू मवेशी बाछी हिफर डेयरी स्थापना पर सामान्य वर्ग के लिए 50 परसेंट अनुदान तय किया गया है. वही अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए 75 परसेंट तक अनुदान निर्धारित किया गया है. दो दुधारू मवेशी बाछी हिफर डेयरी स्थापना की लागत 1,64000 हजार रुपये रखी गई है. इसके तहत सामान्य वर्ग को 82 हजार और अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 1,23,000 रुपये अनुदान दिया जाएगा जबकि चार मवेशी की लागत 3,70,400 रुपये है. इसके तहत सामान्य वर्ग को 1,85,200 और अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 2,77,800 रुपये अनुदान दिया जाएगा. वहीं दो और चार मवेशी पर बैंक कर्ज सामान्य वर्ग के लिए 40 और अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए 20 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है.
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इसके साथ ही 15 और 20 उन्नत नस्ल की दुधारू मवेशी पर सभी वर्ग के लिए 40 परसेंट तक अनुदान सरकार के द्वारा निर्धारित की गई है. इसमें बैंक कर्ज 50 प्रतिशत रखा गया है. वहीं 15 उन्नत नस्ल की दुधारू मवेशी बाछी हिफर डेयरी इकाई स्थापना की लागत 14,59 000 रुपये है, जिस पर सरकारी अनुदान 5,83,600 रुपये है. 20 दुधारू मवेशी इकाई पर सरकारी व्यय 19,22,000 रुपये तय है. इसपर सरकारी अनुदान 7,68,800 रुपये दिया जाएगा.
2, 4,15 और 20 दुधारू मवेशियों को डेयरी पर अनुदान पाने के लिए पशुपालकों को‘समग्र गव्य विकास योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा. हालांकि 55 वर्ष से अधिक उम्र के किसान आवेदन नहीं कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले किसान/पशुपालक dairy.bihar.gov.in पर विजिट करें. यहां पर दिए गए फॉर्म को अच्छे से पढ़ें और फिर भर दें. ध्यान रहे की फॉर्म ठीक से नहीं भरने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
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