
बक्सर के ब्रह्मपुर में विश्व प्रसिद्ध फाल्गुनी मेले की शुरुआत हो चुकी है. करीब 14 दिनों तक चलने वाले इस मेले में कई नस्लों के घोड़े, खच्चर और गधे यहां बिकने के लिए आ चुके हैं. इन पशुओं को खरीदने के लिए बिहार सहित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान के खरीदार बड़ी तादाद में आते हैं. 14 दिनों तक चलने वाले इस मेले में मुख्य रूप से घोड़े और गधे मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे जिसमें अनंत सिंह का गोल्डन, रामसूरत राय का बादल और मुन्ना त्रिपाठी के साधु (ये सभी नाम घोड़ों के हैं) आकर्षण का केंद्र होंगे.
घोड़ों का यह मेला कई साल से लगता रहा है. इस मेले में घोड़ों की रेस होती है, फिर उसी रेस के आधार पर उनकी बिक्री की जाती है. रेस के आधार पर ही घोड़ों के दाम भी लगाए जाते हैं. घोड़ों का दाम कई लाख रुपये तक जाता है. इन घोड़ों के दाम देखें तो 17 लाख का साधु, 18 लाख का गोल्डन, 13 लाख का बादल अभी फाल्गुनी मेला की रौनक बढ़ा रहे हैं. बक्सर के ब्रह्मपुर में लगा यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है जिसमें अरबी नस्ल सहित अनेक नस्लों के घोड़ा, गधा और खच्चर आकर्षण होते हैं.
जानकार बताते हैं कि इस मेले की शुरुआत मुगल काल के दौर से ही शुरू हुई है. जब मुख्य वाहन के रूप में घोड़े, खच्चर और गधे का इस्तेमाल सामान ढोने के लिए किया जाता था. ऐसे में इस मेले में घोड़े, गधे और खच्चर और अलग-अलग वैरायटी के पशु बिकने के लिए आते हैं. इन पशुओं को खरीदने के लिए देश के कोने-कोने से खरीदार भी आते हैं. इस बार मेले में अनत सिंह का लाडला घोड़ा और रामसूरत राय का साधु भी आए हैं.
मेले के मालिक की मानें तो पहले इस मेले में घोड़ों के अलावा अलग-अलग प्रकार की गाय की नस्लें, भैंस और जरूरत के कई सामान की बिक्री होती थी. लेकिन बदलते वक्त के कारण धीरे-धीरे बिक्री कम होती गई. हालांकि मेला अपने ऐतिहासिक स्थल पर आज भी लगता है जो करीब 12 से 14 दिनों का होता है. इस मेले में बिहार के कोने-कोने से घोड़े के शौकीन लोग, यहां तक कि बड़ी-बड़ी हस्तियां आती हैं. घोड़े रेस में शिरकत करते हैं और उनकी बिक्री होती है.
मेले के आयोजक मुन्ना पाठक की मानें तो सरकार इस ऐतिहासिक मेले पर कोई ध्यान नहीं दे रही है जिसकी वजह से यह मेला कमजोर पड़ता जा रहा है. कभी इस मेले में घोड़े के अलावा गाय, भैंस और हाथी भी बाजार में बिकने के लिए आते थे. लेकिन वक्त की मार और सरकारी उदासीनता के कारण धीरे-धीरे कई पशु आने बंद हो गए. इससे यह मेला केवल घोड़ा, गधा और खच्चर का मेला बन कर रहा गया है. बक्सर के ब्रह्मपुर में लगने वाला यह मेला दो सप्ताह तक चलेगा जिसमें एक दिन घोड़ों की दौड़ भी होगी और जीतने वाले को लाखों का इनाम भी मिलेगा.(रिपोर्ट/पुष्पेंद्र पांडेय)
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