मौसम की मार से फसलों को नुकसान: शिकायतों की भरमार, लेकिन नियम-कानून बन रहे राह का रोड़ा

मौसम की मार से फसलों को नुकसान: शिकायतों की भरमार, लेकिन नियम-कानून बन रहे राह का रोड़ा

यूपी में गत 20 और 21 मार्च को आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को हुए नुकसान का सर्वे जारी है. फसल नष्ट होने की किसानों से सरकार को सूचनाएं मिल रही हैं. हालांकि फसल बीमा के नियम-कानून, मुआवजे की राह का रोड़ा बन गए हैं.

यूपी में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलें
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Mar 24, 2023,
  • Updated Mar 24, 2023, 2:13 PM IST

सरकार ने फसल के नुकसान की जानकारी देने के लिए किसानों को 2 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. इनमें फसल बीमा के दावे के लिए हेल्पलाइन नंबर 18008896868 पर किसान फसल के नुकसान की सूचना दर्ज करा सकते हैं. गैर बीमित किसान 1070 नंबर पर सरकार से मुआवजे की मांग कर सकते हैं. फसल को हुए नुकसान की जानकारी देने के लिए किसानों के पास हेल्पलाइन पर कॉल करने के अलावा कृष‍ि विभाग या तहसील में किसान लिखित तौर पर भी फसल को हुए नुकसान की जानकारी दे सकते हैं. किसानों से मिल रही जानकारी का यथाशीघ्र सत्यापन कराया जा रहा है.

सर्वे का काम जारी

यूपी सरकार का राहत विभाग, कृषि एवं राजस्व विभाग के अलावा फसल बीमा कंपनियों के साथ मिलकर फसलों काे हुए नुकसान का सर्वे करा रहा है. राज्य के राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह ने 20 मार्च को ही सभी जिलाधिकारियों को दो दिन के भीतर अपने जिले की सर्वे रिपोर्ट देने को कहा था. राहत विभाग एवं फसल बीमा कंपनियों के सूत्रों ने 'किसान तक' को बताया कि‍ सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है. जल्द ही सर्वे के आधार पर मुआवजा वितरण का काम शुरू कर दिया जाएगा.

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6 जिलों के 20 हजार किसान मुआवजे के दायरे में

खराब मौसम से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा पाने के लिए तय मानक के मुताबिक जब तक किसी किसान की 33 फीसदी फसल नष्ट नहीं होगी, तब तक उसे मुआवजे का हकदार नहीं माना जाएगा. सूत्रों ने बताया कि अब तक के सर्वे में मुआवजा पाने के मानकों की कसौटी पर 6 जिलों के 19,159 किसान ही खरे उतर पाए हैं. इनमें सबसे ज्यादा प्रयागराज के 10,030 किसान, आगरा के 4738 किसान, ललितपुर के 2000 किसान, बरेली के 1519 किसान, वाराणसी के 480 किसान और हमीरपुर के 392 किसान शामिल हैं.

किसानों में मायूसी

सर्वे के शुरुआती दौर में इन छह जिलों के अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र और महोबा जिलों में भी मौसम खराब होने से व्यापक पैमाने पर किसानों की फसलें नष्ट हाेने की रिपोर्ट सामने आई थी. हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बांदा और महोबा में बीते दो दिनों में दो किसान फसल नष्ट होने का गम बर्दाश्त नहीं कर पाए और अपना जीवन गवा बैठे.

बांदा के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने 'किसान तक' से कहा कि सरकार को मुआवजे के मानक, व्यवहारिक नजरिया अपना कर बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 32 फीसदी फसल नष्ट होने वाले किसान को मुआवजे का हकदार नहीं मानना, अमानवीय  और अव्यवहारिक है. इससे किसानों में मायूसी है.

सरकार की दलील

झांसी के जिला कृष‍ि अधिकारी के. के. सिंह ने 'किसान तक' को बताया कि मुआवजे के मानकों में सरकार ने बदलाव कर अध‍िकतम संख्या में किसानों को मुआवजे के दायरे में लाने की कोशिश की है. इसके तहत जिला, तहसील, ब्लॉक अथवा गांव को इकाई मानने के बजाय किसान को ही सर्वे में इकाई बनाया गया है. जिससे ऐसे हर किसान को मुआवजा मिल सके जिसकी फसल का नुकसान हुआ है, बशर्ते 33 फीसदी फसल नष्ट हुई हो. 

योगी सरकार द्वारा गठित 'किसान समृद्धि आयोग' के सदस्य प्रेम सिंह ने सुझाव दिया है कि सरकार को 33 फीसदी की 'लक्ष्मण रेखा' को मिटा कर सीधे तौरद पर नुकसान के अनुपात में मुआवजा देने का प्रावधान करना चाहिए. जिससे जिस किसान की जितनी फसल नष्ट हुई हो, उसे उतना मुआवजा मिल सके.

जारी रहेगा मौसम का सितम

मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार को यूपी में आंशिक तौर पर मौसम साफ रहने के बाद शुक्रवार यानी 24 मार्च को एक बार फ‍िर मौसम के करवट लेने का अंदेशा जताया है. विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के पश्चिमी जोन में कुछ स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है. इसके बाद 25 मार्च को भी प्रदेश के दोनों जोन (पूर्वी और पश्चिमी) में एक दो स्थानों पर हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान है. मौसम विभाग के अनुसार 26 मार्च से मौसम सामान्य होने की उम्मीद है.

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