राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में दोपहर को तेज धूप और लू के बाद अचनाक मौसम ने करवट ली है. यहां तेज हवा-आंधी और बारिश से मौसम सुहावना हो गया है. दिल्ली में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है. झमाझम बारिश और हवा के चलते दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भीषण गर्मी से मिली राहत है. इस दौरान अचानक आसमान में काले बादल भी छा गए और दोपहर में भीषण गर्मी के बाद 3 बजते ही मौसम का बदला हुआ मिजाज देखने को मिला. कुछ जगहों पर जलभराव से ट्रैफिक धीमा हो गया. दिल्ली में मिंटो रोड से भी बारिश की तस्वीरें सामने आई हैं.
ठीक ऐसा ही नोएडा में भी हुआ, जहां कई हिस्सों में अचानक मौसम बदला और तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई. मौसम बदलते ही नोएडा वासियों को भीषण गर्मी से राहत मिली. लेकिन थोड़ी देर बाद ही तेज धूप खिल गई. क्षेत्र में एक ओर जहां बारिश-हवा से लोगों को राहत मिली है तो दूसरी ओर कई किसानों के लिए मुसीबत सबब तो कई के लिए राहत लेकर आई. कुछ जगहों पर खेत में खड़ी फसलों को नुकसान की आशंका है, जो कटाई के लिए तैयारी थीं. वहीं, कुछ स्थानों पर बागवानी फसलों के भी नुकसान होने की आशंका है.
दरअसल, बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम पूर्वी हवाएं वर्तमान में उत्तरी भारत के तराई और मैदानी इलाकों में महत्वपूर्ण नमी पहुंचा रही हैं. नमी का यह प्रवाह, पंजाब, मध्य हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुज़रने वाली प्री-मॉनसून ट्रफ़ की सक्रिय अक्षीय रेखा के साथ मिलकर इस क्षेत्र में छिटपुट गरज और बारिश के लिए मंच तैयार कर रहा है.
प्री-मानसून ट्रफ़, जो साल के इस समय के दौरान एक कम दबाव वाला क्षेत्र है, थोड़ा सक्रिय रहता है और उत्तरी राज्यों में मौसम के पैटर्न को प्रभावित करना जारी रखता है. इसकी अक्षीय रेखा वर्तमान में पंजाब, मध्य हरियाणा और दिल्ली पर है, जिससे छिटपुट संवहनीय गतिविधियां शुरू हो रही हैं.
नतीजतन, कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज के साथ बारिश हो रही है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव, होडल, मथुरा, पलवल, रोहतक, जींद, बागपत, पानीपत और आसपास के क्षेत्रों सहित शहरों और कस्बों में इन प्री-मॉनसून बारिश के साथ-साथ 60 किमी/घंटा की गति तक की तेज़ हवाएं चलने की संभावना है. ये हवाएं गरज के साथ होने वाली बारिश की तीव्रता को बढ़ाएंगी, जिससे स्थानीय स्तर पर तेज हवाएं चलेंगी और कभी-कभी बिजली भी चमकेगी.
इस तरह की मौसमी गतिविधि उत्तर भारत में प्री-मानसून सीज़न के लिए आम है, जो बढ़ते तापमान और बढ़ती नमी से अस्थायी राहत प्रदान करती है. बारिश ज़्यादा नहीं होगी, लेकिन तापमान को थोड़ा कम करने और मिट्टी की नमी के स्तर को बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगी, जो मुख्य मॉनसून सीज़न से पहले फायदेमंद है.
लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि तेज़ हवाएं और गरज के साथ बारिश कुछ क्षेत्रों में व्यवधान पैदा कर सकती है. शाम तक ये स्थितियां बनी रहने की उम्मीद है, जिसके बाद मौसम के स्थिर होने की संभावना है. कुल मिलाकर, नम पूर्वी हवाएं और सक्रिय प्री-मॉनसून ट्रफ़ भारत के उत्तरी भागों में वर्तमान मौसम को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.