11 से 14 जून तक उत्तर-पश्चिम भारत के कई राज्यों में भीषण लू चलने की चेतावनी जारी की गई है. खासकर जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच सकता है. पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी गर्मी के तीखे तेवर जारी हैं. इन इलाकों में गर्म और उमस भरा मौसम लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है.
दिन में तेज गर्मी के बाद अब रात में भी तापमान सामान्य से ज्यादा बना हुआ है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में कुछ जगहों पर गर्म रातों का असर देखने को मिला है. इससे नींद में खलल और थकावट जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं.
दक्षिण भारत में मॉनसून सक्रिय हो चुका है. 12 से 16 जून के बीच केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. कोंकण और गोवा में तो 12 से 14 जून के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं (50–60 किमी प्रति घंटे तक) भी चल सकती हैं, जिससे मछुआरों और समुद्री गतिविधियों में लगे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 11 से 15 जून के बीच गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. हालांकि यहां भी अभी भीषण गर्मी का दौर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में कुछ स्थानों पर 50–70 किमी प्रति घंटे की हवाओं के साथ बारिश के आसार हैं.
बिहार, झारखंड, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में अगले कुछ दिनों में गरज के साथ बारिश हो सकती है. असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी 11 से 17 जून के बीच भारी बारिश की संभावना है. वहीं, बिहार, असम और मेघालय में 11 और 12 जून को गर्म और उमस भरा मौसम बना रहेगा.
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13 जून के बाद से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित कर सकता है. इससे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है, जिससे लू की स्थिति में थोड़ी राहत मिलेगी.
हालांकि फिलहाल गर्मी चरम पर है, लेकिन 13 जून के बाद तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है. पूर्वी भारत में भी तापमान में 2-3 डिग्री की कमी आ सकती है.