फरवरी में पारा बढ़ने से किसानों के छूटे पसीने, फसल के स्वास्थ्य पर पड़ रहा सीधा असर

फरवरी में पारा बढ़ने से किसानों के छूटे पसीने, फसल के स्वास्थ्य पर पड़ रहा सीधा असर

फरवरी में मौसम में हुए बदलाव ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं सब्जी की खेती सहित रबी फसल की खेती पर सीधा असर पड़ रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार तापमन बढ़ने से गेहूं ,जौ सहित अन्य फसलों के उत्पादन में 6 से 10 प्रतिशत तक कमी आने की उम्मीद है.

 तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल हो सकती है प्रभावित, फोटो 'किसान तक' तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल हो सकती है प्रभावित, फोटो 'किसान तक'
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Feb 25, 2023,
  • Updated Feb 25, 2023, 11:04 AM IST

जलवायु में हो रहे परिवर्तन से तापमान में वृद्धि देखने को मिल रहा है. फरवरी महीने में अचानक मौसम के मिजाज में हुए बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. रबी फसल के साथ मौसमी सब्जियों की खेती पर तापमान वृद्धि का सीधा असर देखा जा रहा है. किसानों का कहना है कि पछेती गेहूं की फसल में वृद्धि नहीं हो पा रही है. वहीं सब्जी का पौधा सुख रहा हैं, जहां कभी 10 से 15 दिनों पर सिंचाई किया जाता था. आज 6 से 7 दिनों पर सिंचाई किया जा रहा है. दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर तापमान में ऐसे ही वृद्धि होता रहा, तो गेहूं का उत्पादन 6 से 10 फीसदी तक कम हो सकता है.

पिछले कुछ दिनों से राज्य में तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रह रहा  है. वहीं हाल के समय में तापमान 31 से 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. फरवरी में ही सामान्य से ज्यादा तापमान का असर सूबे में सब्जी, आम और लीची सहित गेहूं, जौ, सहित अन्य फसलों पर दिखने लगा है. इसके साथ ही सितंबर महीने के बाद से ही बारिश नहीं होने से पत्तों पर धूल की परत जम गई है. 

ये भी पढ़ें- बिहार कृषि रोड मैप-4 में कृषि विभाग को मिली अहम जिम्मेदारी, जलवायु अनुकूल और डिजिटल खेती पर दिया जाएगा जोर

तापमान बढ़ने से सूख रही सब्जी की फसल

वैशाली जिले के सराय गांव के रहने वाले किसान अवधेश सिंह करीब एक कट्ठा में सब्जी की खेती किए हुए हैं. यह कहते हैं कि उन्होंने बींस के साथ मिर्चा फूलगोभी एवं बैगन की खेती की है. लेकिन तापमान में वृद्धि के कारण पत्ते सूख रहे हैं, और पौधों का विकास रुक गया है. आगे कहते हैं कि अभी तक बाजार में बींस जाने लगता था. लेकिन इस साल ऐसा नहीं है. खेत में पौधा लगा हुआ है. मगर फलन नहीं है. पिछले साल 40 रुपए प्रति किलो की भाव से बींस को फरवरी महीने में बेचना शुरू कर दिया था. किंतु इस साल ऐसा नहीं है. सिंह कहते हैं कि केवल बींस की सब्जी ही नहीं बल्कि फूलगोभी की सब्जी पर भी असर दिख रहा है. खेत में सब्जी होने के बाद भी फूलगोभी दो से तीन पुराना लग रहा है. वहीं कई सब्जियों के फूल तक झड़ जा रहे हैं. तापमान बढ़ने के कारण अब 6 से 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी पड़ रही है. जबकि फरवरी महीने में 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जाती थी.

फोटो 'किसान तक'- बींस सब्जी की फसल

ये भी पढ़ें- बिहार: तीन दोस्तों ने शुरू किया केले का अनूठा बिजनेस, अब हो रही अच्छी आमदनी

रबी फसल के उत्पादन पर पड़ सकता है असर

किसान राधेश्याम सिंह कहते हैं कि मौसम का यही हाल रहा तो गेंहू, मक्का, जौ सहित अन्य फसलों पर असर पड़ सकता है. वहीं अभी के समय में गेहूं की फसल में फल आना शुरू हो गया है. लेकिन काफी पतला है. आगे बताते हैं कि गर्मी अधिक पड़ने के कारण असमय गेहूं पक जाएगा. वहीं अधिक तापमान होने पर मक्का की फसल में दाना ही नहीं आएगा. जहां पहले एक कट्ठा में एक क्विंटल तक गेहूं हो जाया करता था. वहीं इस साल 60 किलो या उससे कम होने की उम्मीद है. इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिक किसानों को लगातार सलाह दे रहे हैं कि हवा शांत रहने पर दोपहर के समय गेहूं सहित अन्य फसलों की सिंचाई करें. इस दौरान गेहूं में भूरा रतुआ रोग लगने की भी संभावना है. 

MORE NEWS

Read more!