Weather Forecast: हिमाचल में सूखे ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, आगे भी बारिश की उम्मीद नहीं, किसान मुश्किल में

Weather Forecast: हिमाचल में सूखे ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, आगे भी बारिश की उम्मीद नहीं, किसान मुश्किल में

हिमाचल प्रदेश में जनवरी माह में अब तक 100 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. प्रदेश में कम बारिश होने से प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन गए हैं. शिमला में घूमने आने वाले पर्यटकों को बर्फबारी न होने से निराशा हाथ लग सकती है. वहीं बारिश और बर्फबारी न होने से किसानों को हो सकता है नुकसान.

There is no rain and snowfall in Himachal PradeshThere is no rain and snowfall in Himachal Pradesh
विकास शर्मा
  • Himachal Pradesh,
  • Jan 09, 2024,
  • Updated Jan 09, 2024, 3:38 PM IST

हिमाचल प्रदेश में इस बार बर्फबारी का इंतजार दिनोदिन लंबा होता जा रहा है. प्रदेश में जनवरी माह में सूखे ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जनवरी माह में अब तक 100 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. इस बार सर्दियों में बर्फबारी न होने से व्यापक असर देखने को मिल रहा है. मौसम की मार से पर्यटन सीजन में पर्यटकों की भारी कमी देखी जा रही है. वहीं बागवानों पर भी बर्फबारी न होने से फसलों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है. साल 2023 का नवंबर, दिसंबर महीना पूरी तरह से ड्राई रहा. साथ ही जनवरी के महीने में भी बर्फबारी होने की की उम्मीद न के बराबर ही है. 

राज्य के ज्यादातर इलाकों में तापमान भी सामान्य से 4 से 6 डिग्री तक ज्यादा चल रहा है. मौसम विभाग की माने तो ये सब ग्लोबल वार्मिंग के असर की वजह से हो रहा है. इससे पहले साल 2007 में ऐसा हुआ था जब जनवरी के महीने में माइनस 99% बारिश हुई थी. ठीक इसी तरह की स्थिति इस बार जनवरी में देखने को मिल रही है. ना बर्फबारी हो रही है और ना ही बारिश.

बर्फबारी के लिए करना होगा इंतजार

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र सिंह की माने तो इस बार सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इस तरह की घटनाएं अक्सर देखी जाती हैं. सुरेंद्र पाल ने बताया कि 2004 के बाद प्रदेश में इस तरह के हालात बने हुए हैं. 2007 में जनवरी माह में माइन्स 99 फ़ीसदी बारिश हुई थी, लेकिन इस मर्तबा जनवरी माह में अभी तक न बर्फ पड़ी न ही बारिश हुई है. सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस महीने पूरे जनवरी तक कोई भी बड़ा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना नहीं दिख रही. लिहाजा अभी बारिश बर्फबारी के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. 

हालांकि 9 और 10 जनवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है लेकिन उससे सिर्फ ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की उम्मीद है. जबकि मध्यवर्ती और निचले इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है. उन्होंने कहा कि राज्य में निचले इलाकों में घने कोहरे और कम विजिबिलिटी का अलर्ट भी जारी किया गया है.

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बारिश न होने से किसान हुए परेशान

अगर आने वाले समय सही समय पर बर्फबारी और बारिश हुई तो इसका असर किसानों के फसलों पर भी पड़ सकता है. बर्फबारी ना होने की वजह से सेब के पौधों के लिए जो चिलिंग सॉर्स होते हैं वह पूरे नहीं हो पाएंगे और साथ ही प्राकृतिक स्रोत रिचार्ज नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा फसलों के लिए सिंचाई का पानी नहीं मिल पाएगा.वहीं बिजली उत्पादन के लिए भी पानी की किल्लत देखने को मिल सकती है. जनवरी के महीने में बर्फबारी नहीं होने होने भारी संकटों का सामना करना पड़ सकता है. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि इस बार एलनीनो इफेक्ट मॉनसून के समय से हिमाचल प्रदेश में मौसम पर प्रभाव डाल रहा है.

पर्यटकों को होना पड़ा निराश

सुरेंद्र पॉल ने बतया कि जनवरी के महीने में हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी होने की बहुत कम संभावना है. आने वाले समय में केवल हिमाचल प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में देखने को मिलेगी. राजधानी शिमला में बर्फबारी की उम्मीद ना के बराबर हो सकती है. ऐसे में जो पर्यटक शिमला बर्फबारी को देखने के लिए आ रहे हैं उन्हें निराशा ही होना पड़ेगा. अगर पहाड़ों में बर्फबारी या बारिश नहीं होगी तो कोहरे की समस्या से निजात नहीं मिल पाएगी । लेकिन वर्तमान में स्थिति यही बनी हुई है कि कोई भी स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस हिमाचल प्रदेश में एक्टिव नहीं हो रहा है जिसकी वजह से इन तमाम समस्याओं से राहत मिल सकती.

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