मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 4-5 दिनों के दौरान केरल में मॉनसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है. इसी अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के बाकी हिस्सों, लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होने की संभावना है.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगमन से पहले ही गुजरात में बारिश का मौसम बना हुआ है. बुधवार सुबह से नवसारी, जूनागढ़, अमरेली, पोरबंदर, भरुच, तापी, गिर सोमनाथ, भावनगर, नर्मदा, सूरत जिलों के 47 तहसीलों में सामान्य से लेकर 2 इंच तक बारिश दर्ज की गई है. बेमौसम बारिश से किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है.
बुधवार को राज्य सरकार की केबिनेट बैठक में भी इस पर चर्चा हुई. मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक राज्य में छिटपुट और भारी बारिश की संभावना जताई है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले चार से पांच दिनों में केरल पहुंचने की संभावना है. इसका असर गुजरात में भी दिखेगा. गुजरात में वर्तमान में सक्रिय दो सिस्टम के कारण 26 मई तक बारिश की स्थिति बनी रहेगी. आज 21 जिलों में बारिश का अनुमान है. सूरत समेत कई जिलों में बुधवार सुबह तेज हवाओं के साथ भारी बारिश शुरू हो गई.
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केरल से ही दक्षिण पश्चिम मॉनसून भारत के मुख्य थल सीमा में प्रवेश करता है. आम तौर पर 30 मई से एक जून तक सुदूर दक्षिण से मालदीव और श्रीलंका होता हुआ मॉनसून की बारिश केरल के तटीय क्षेत्रों में पहुंचती है. इस बार मौसम विभाग ने अपने शुरुआती पूर्वानुमान में 27 मई तक मॉनसून की केरल एंट्री की संभावना जताई थी लेकिन, अब संभावना जताई जा रही है कि मॉनसून 27 मई से भी पहले आ सकता है.
फिलहाल, अरब सागर में एक कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ जो अगले एक दो दिनों में चक्रवातीय सिस्टम का रूप ले सकता है. इसी सिस्टम के सहारे मॉनसून के केरल में दाखिल होने की मजबूत संभावना है. अगर, सिस्टम से जुड़े सभी कारक बने रहे तो 22 मई से लेकर 24 मई के बीच यानी इसी हफ्ते केरल में मॉनसून की मजबूत एंट्री हो जाएगी. अगर ऐसा होता है तो केरल में लगभग एक हफ्ते पहले ही मॉनसून आ जाएगा.
अगर मॉनसून उम्मीद के मुताबिक केरल पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद से देश की मुख्य जमीन पर सबसे जल्दी दस्तक देने वाला मौसम होगा, जब यह 23 मई को शुरू हुआ था. ऐसा आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार पता चलता है. आईएमडी ने मंगलवार दोपहर को एक अपडेट में कहा, "अगले 4-5 दिनों के दौरान केरल में मॉनसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है."
आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.
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पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में मॉनसून आया था. 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को आया था.