देशभर में इस बार मॉनसून से जुड़ी गतिविधियां इस बार लोगों को चौंकाने का काम रही हैं. पहले तो मॉनसून सामान्य से ज्यादा रहने का पूर्वानुमान आया, फिर यह इस बार समय से 8-9 दिन पहले केरल पहुंच गया. वहीं, फिर पूरे देश को इसने 29 जून तक ही कवर कर लिया, जो अब तक जुलाई के कई दिन बीतने के बाद होता था. इस बीच, मॉनसून की सक्रियता बढ़ गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 6-7 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों और पश्चिमी तट पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है.
साथ ही मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों, दक्षिण तटीय महाराष्ट्र और गोवा, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और अगले 5 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की बात कही है. इसी कड़ी में शुक्रवार रात काे दिल्ली-एनसीआर में भी जोरदार बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली. वहीं, मौसम विभाग ने कहा कि अचानक से मौसम बदला है और क्षेत्र में आंधी-तूफान और बारिश की संभावना है.
पीटीआई के मुताबिक, गोवा आईएमडी प्रभारी एनपी कुलकर्णी ने कहा कि हमने शुक्रवार के लिए बारिश को लेकर ऑरेंज वॉर्निंग जारी की है और कई स्थानों कल से येलो अलर्ट जारी किया है. इसका मतलब है कि आज अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है और कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. गोवा सरकार ने आईएमडी के ‘ऑरेंज अलर्ट’ का हवाला देते हुए शुक्रवार 4 जुलाई को स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है. राज्य शिक्षा निदेशक शैलेश जिंगडे ने एक परिपत्र में कहा कि यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा के लिए लिया गया है.
IMD ने अगले सात दिनों में कर्नाटक में व्यापक बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जिसमें कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है. IMD ने कहा कि मौसम का पैटर्न मध्य और पूर्वी भारत से गुज़रने वाले मानसून ट्रफ़ और महाराष्ट्र-कर्नाटक तट के साथ-साथ एक अपतटीय ट्रफ़ से प्रभावित हो रहा है.
वहीं, नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) ने गुरुवार को कहा कि उसने आईएमडी के साथ एक समझौता किया है, जो भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव को लॉन्च करने के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा. 26 जून को साइन किया गया यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव को लॉन्च करने के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करता है.
एनसीडीईएक्स ने एक बयान में कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित बाजार साधन जिसे किसानों और संबद्ध क्षेत्रों को अनियमित वर्षा, हीटवेव और बेमौसम मौसम की घटनाओं जैसे जलवायु संबंधी जोखिमों से बचाव करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस साझेदारी के साथ, एनसीडीईएक्स आईएमडी से प्राप्त ऐतिहासिक और वास्तविक समय के डेटासेट का इस्तेमाल करके अन्य के अलावा वर्षा-आधारित डेरिवेटिव उत्पाद विकसित करेगा.