दक्षिण-पश्चिम मॉनसून गुरुवार को दक्षिण-पूर्व अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों और दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान द्वीप समूह और अंडमान सागर के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है. दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के कुछ और हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान द्वीप समूह और अंडमान सागर के बाकी हिस्सों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में अगले 3-4 दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने यह जानकारी दी है.
आईएमडी ने बताया है कि अगले हफ्ते (21 मई से 28 मई) दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल पहुंच सकता है. दूसरे हफ्ते में ही मॉनसून उत्तर पूर्व के राज्यों में भी पहुंच सकता है. इस बार पूरी संभावना है कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल में समय से पहले दस्तक दे सकता है.
मौसम से जुड़ी एक बड़ी जानकारी अल-नीनो को लेकर सामने आई है. पूरे प्रशांत क्षेत्र में अल नीनो न्यूट्रल स्थिति में है. हालांकि मौसम की परिस्थितियां अभी ला नीना से मिलती जुलती हैं. मॉनसून मिशन क्लाइमेट फोरकास्ट सिस्टम (MMCFS) और कुछ अन्य एजेंसियों ने पूर्वानुमान में बताया है कि पूरे मॉनसून सीजन के दौरान अल नीनो न्यूट्रल स्थिति में रहेगा. इससे बारिश की अच्छी संभावना बनती दिखाई दे रही है.
ये भी पढ़ें: राजस्थान, यूपी-बिहार में लू का अलर्ट, कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, पढ़ें मौसम का अपडेट
बारिश की बात करें तो बीते हफ्ते देश के कई इलाकों में अच्छी बरसात हुआ है. पिछले सप्ताह की बारिश की अवधि 8-13 मई के बीच रही जो कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण दर्ज की गई. यह बारिश पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और समीपवर्ती मध्य भारत में जारी रही. 13-14 मई को पश्चिमी विक्षोभ के साथ दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में और 8-14 मई को चक्रवाती सर्कुलेशन के बने रहने और दक्षिणी/दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण पूर्वोत्तर भारत में बारिश जारी रही. बीते सप्ताह के दौरान देश भर में बारिश के कारण लू की स्थिति नहीं देखी गई.
इस हफ्ते के मौसम को लेकर आईएमडी ने जानकारी दी है कि उत्तर पूर्व असम और उससे सटे क्षेत्रों के ऊपर एक चक्रवाती सर्कुलेशन एक्टिव रहेगा. इसके अलावा उत्तर आंतरिक कर्नाटक और उससे सटे इलाकों में एक चक्रवाती सर्कुलेशन एक्टिव रहेगा. एक ट्रफ लाइन उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम से लेकर उत्तरी छत्तीसगढ़ से होते हुए दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश तक फैली है. एक ऊपरी हवा का चक्रवाती सर्कुलेशन दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है. एक ऊपरी हवा का चक्रवाती सर्कुलेशन उत्तर तटीय तमिलनाडु और उसे सटे इलाकों के ऊपर बना हुआ है.
ये भी पढ़ें: दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में बारिश का अलर्ट, इन राज्यों में चलेगी लू, पढ़ें IMD का ताजा मौसम अपडेट