दिल्‍ली और लाहौर के प्रदूषण के लिए पंजाब जिम्‍मेदार नहीं, PPCB अध्‍यक्ष ने कर दिया साफ

दिल्‍ली और लाहौर के प्रदूषण के लिए पंजाब जिम्‍मेदार नहीं, PPCB अध्‍यक्ष ने कर दिया साफ

पंजाब पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्‍यक्ष ने सिर्फ पंजाब में जलने वाली पराली की घटनाओं को दिल्‍ली और पड़ोसी देश पाकिस्‍तान के लाहौर में प्रदूषण के लिए जिम्‍मेदार ठहराए जाने पर ऐतराज जताया है. उन्‍होंने पूछा कि जब राज्‍य में इतनी धीमी गति से हवा चल रही है तो वहां प्रदूषण कैसे जा सकता है.

प्रदूषण का प्रकोप. (सांकेतिक तस्‍वीर)प्रदूषण का प्रकोप. (सांकेतिक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 15, 2024,
  • Updated Nov 15, 2024, 4:55 PM IST

हर साल दिल्‍ली में ठंड के दिनों में बढ़ने वाले प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्‍मेदार बताया जाता है. वहीं, इस बार पड़ोसी देश पाक‍िस्‍तान ने भी लाहौर में भारत के राज्‍य पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को प्रदूषण के लिए बताया है. अब पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के अध्यक्ष आदर्श पाल विग ने टिप्‍पणी कर इन बयानों की निंदा की है. पीपीसीबी अध्‍यक्ष ने पूछा कि जब पंजाब में हवा की गति 2 किमी प्रति घंटे से कम है तो इन दोनों शहरों में यहां के खेतों की आग से प्रदूषण कैसे फैल सकता है. वहां अभी भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं.

लोकल इमिशन सोर्स प्रदूषण के लिए जिम्‍मेदार

पीपीसीबी अध्‍यक्ष विग ने इस बात पर जोर दिया कि लोकल इमिशन सोर्स इन शहरों में बढ़ते प्रदूषण के के लिए जिम्‍मेदार है. पराली जलाने से दिल्‍ली की तुलना में पंजाब में स्‍थानीय वायु गुणवत्ता पर ज्‍यादा असर पड़ा है. माहौल बनाया जा रहा है कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए सिर्फ पंजाब ही जिम्मेदार है. विग ने  इन शहरों के स्‍थानीय प्रदूषण में जनसंख्या घनत्व, घरेलू उपकरणों से होने वाला उत्‍सर्जन, इंडस्‍ट्री, कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट्स और बड़ी संख्या में वाहनों को जिम्‍मेदार ठहराया.

पंजाब में दो दिन घना कोहरा छाया रहेगा

पीपीसीबी अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि दोनों शहरों में घनी आबादी है और कई रिसर्चों में से यह खुलासा हुआ है कि यहां स्थानीय कारकों के चलते  प्रदूषण का स्‍तर बढ़ा है. इधर, मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब में मौसम शुष्क बना रहेगा और अगले दो दिनों तक इलाके में घना से लेकर बहुत घना कोहरा छाए रहने की आशंका है.

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पराली जलाने के मामले नहीं हो रहे डिटेक्‍ट!

हाल ही में एक दिन में 509 पराली जलाने की घटनाओं के बाद अब इनमें कमी दर्ज की गई है. वहीं, इस पर विशेषज्ञों का मत अलग है. उनका कहना है कि पराली जलाने के मामलों में गिरावट का कारण यह है कि घने कोहरे के सैटेलाइट इनकी पहचान नहीं कर पा रही है. पंजाब के कई शहरों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब की श्रेणी में बनी हुई है.

मोगा में कर्मचारियों को छुट्टी नहीं

इधर, मोगा डीसी ने गुरुवार को सभी सरकारी कर्मचारियों को अगले तीन दिनों तक पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हाई अलर्ट पर रहने को कहा है. डीसी ने अगले 10 दिनों तक किसी भी सिविल या पुलिस अधिकारी को छुट्टी न देने के आदेश भी जारी किए हैं.

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