भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, 17 अक्टूबर से बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और भारतीय भूभाग पर पूर्वी हवाएं सक्रिय होने की संभावना है. इससे दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मॉनसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं.
आईएमडी के चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र (RMC) ने बताया कि तमिलनाडु और रायलसीमा क्षेत्रों में 16 से 18 अक्टूबर के बीच पूर्वोत्तर मॉनसून की बारिश शुरू हो सकती है. इस दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र और दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी में हवाओं की दिशा पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हो जाएगी, जो मॉनसून के आगमन का संकेत है.
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मॉनसून का आगमन सामान्य तिथि से लगभग चार दिन पहले हो सकता है. तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में 16 अक्टूबर से मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना है.
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में केरल तट के पास एक चक्रवाती सर्कुलेशन बनने के संकेत मिले हैं. साथ ही, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से और समीपवर्ती भूमध्यरेखीय महासागर में ऊपरी वायुमंडलीय परिसंचरण के पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है, जिससे तमिलनाडु में कई जगहों पर बारिश की गतिविधि शुरू हो सकती है.
RMC की प्रभारी प्रमुख बी. अमुधा ने बताया कि जैसे ही देश के अन्य भागों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की पूरी तरह से वापसी हो जाएगी और पूर्वोत्तर मॉनसून के लिए आवश्यक सभी परिस्थितियां पूरी होंगी, तब मॉनसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
आरएमसी प्रमुख (अतिरिक्त प्रभारी) बी. अमुधा ने बताया कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र के बाहर देश के बाकी हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी पर नजर रखी जा रही है. यह पूर्वोत्तर मॉनसून के आगमन के संकेतों में से एक है. अन्य अनुकूल परिस्थितियां पूरी होने पर, आगमन की तिथि उस दिन घोषित की जाती है जब राज्य में कम से कम 50 परसेंट मौसम केंद्रों में पर्याप्त बारिश होती है.
चेन्नई सहित कई क्षेत्रों में बुधवार को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं, 20 अक्टूबर तक दक्षिण तमिलनाडु, डेल्टा और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले दो दिनों में पूरे देश से विदा हो जाएगा, जो 15 अक्टूबर के आसपास के सामान्य कार्यक्रम के अनुसार है. साथ ही, उसने यह भी बताया कि ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों से मॉनसून की वापसी हो रही है.
मॉनसून की वापसी की रेखा कारवार, कलबुर्गी (दोनों कर्नाटक में), निजामाबाद (तेलंगाना), कांकेर (छत्तीसगढ़) और चांदबली (ओडिशा) से होकर गुजरी.
इस साल, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 108 प्रतिशत पर समाप्त हुई. पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में बारिश सामान्य या अधिक रही.