भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को जानकारी दी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले दो दिनों में दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के हिस्सों तक पहुंच सकता है. मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि इन क्षेत्रों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम की स्थितियाँ पूरी तरह अनुकूल हैं. इससे इन राज्यों में गर्मी से राहत मिलने की संभावना है.
IMD के अनुसार, मॉनसून पहले ही हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों, पूरे लद्दाख और कश्मीर, जम्मू के अधिकतर इलाकों और पंजाब के कुछ क्षेत्रों में पहुंच चुका है. इससे इन पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश शुरू हो चुकी है, जिससे तापमान में गिरावट देखने को मिली है और मौसम सुहावना हो गया है.
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दो दिनों में मॉनसून उत्तर भारत के और इलाकों में आगे बढ़ेगा. इसके तहत उत्तर अरब सागर के शेष भाग, राजस्थान और पंजाब के कुछ और हिस्से, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के बाकी क्षेत्रों में मॉनसून की प्रगति संभावित है.
22 जून से 26 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य प्रदेश, गुजरात और कोंकण-गोवा के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. खासतौर पर गुजरात में 22 जून को और मध्य प्रदेश में 23 और 24 जून को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. इससे इन क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
पूर्वोत्तर भारत में अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. इसके बाद चार दिनों तक इन इलाकों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. यह बारिश क्षेत्र की फसलों और जल स्रोतों के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन अत्यधिक वर्षा से भूस्खलन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं.
22 जून की सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटों में कई राज्यों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई है. पूर्वी मध्य प्रदेश और गुजरात में कुछ जगहों पर बहुत भारी और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हुई. इसके अलावा सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड, कोंकण, गोवा, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और तटीय कर्नाटक में भी भारी वर्षा दर्ज की गई.
कुछ क्षेत्रों में तेज़ हवाओं के साथ आंधी-तूफान की घटनाएं भी सामने आई हैं. मराठवाड़ा में 60 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जबकि मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और गंगीय पश्चिम बंगाल में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं दर्ज की गईं. इन हवाओं ने कुछ क्षेत्रों में पेड़ गिराने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्याएं पैदा कीं.
देश के विभिन्न हिस्सों में मॉनसून की सक्रियता तेजी से बढ़ रही है. आने वाले दिनों में कई राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है. ऐसे में किसानों, यात्रियों और आम जनता को मौसम की ताजा जानकारी पर नजर रखने और ज़रूरत पड़ने पर सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है. बारिश के इस मौसम में सतर्क रहकर ही हम प्राकृतिक आपदाओं से खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं.
ये भी पढ़ें:
Paddy Farming: पंजाब में धान की धीमी बुवाई से विशेषज्ञ चिंतित, किसानों को दी तेजी लाने की सलाह
हरे चारे के लिए ज्वार की कब करनी चाहिए कटाई? मक्का कटाई का भी जानें नियम